एलिस्टर कुक ने ईडेन पार्क में बल्लेबाजी करने के लिए पहले न्यूजीलैंड को बुलाया। सीरीज के तीन मैचों में दो मैचों के ड्रॉ होने के बाद यह फाइनल मैच ही दोनों टीमों के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। पीटर फुल्टन ने 136 रन बनाए तो वही केन विलियम्सन अपने शतक से चूक गये। हालांकि इस दोनों की बेहतरीन पारियों की बदौलत मेजबान टीम ने पहली पारी में 443 रन बनाए और स्टीवन फिन ने 125 पर 6 विकेट अपने नाम किए। वहीं इंग्लैंड की बैटिंग ट्रेंट बोल्ट के आगे टिक नहीं पायी और मेहमान टीम फॉलोऑन बचाने में भी नाकामयाब रही। इंग्लैंड की पूरी टीम 204 रन पर ढ़ेर हो गई जिसमें बोल्ट ने 68 पर 6 विकेट लेकर मेहमान टीम की कमर तोड़ दी, इंग्लैंड के बल्लेबाज मैट प्रायर (73) ही कुछ देर तक संघर्ष कर पाये। लेकिन ब्रैडेन मैक्कलम ने फॉलोऑन ना देकर एक बार फिर से बल्लेबाज करने के लिए टीम को उतारा। फुल्टन ने 110 रन का योगदान दिया तो वहीं खुद कप्तान मैक्कलम ने 67 रन की तूफानी पारी खेली जिसमें 3 छक्के और 5 चौके शामिल थे। न्यूजीलैंड ने 241/6 के साथ पारी डिक्लेयर की घोषणा कर दी और जिसमें 143 ओवर शेष इंग्लैंड की टीम के लिए दे दिये। 481 रन के टारगेट के साथ इंग्लैंड की टीम बल्लेबाजी करने उतरी। कुक को रोकने के साथ शुरु हुआ कीवियों का सफर इयान बेल का जारी रहा, बेल ने 271 बॉल पर 71 रन बनाए। न्यूजीलैंड के लिए जीत लगभग तय थी। सिर्फ प्रायर ही एक ऐसा बल्लेबाज था जिसे न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को जल्द आउट करना था। इंग्लैंड के 237 रन पर 7 विकेट गिर गये थे और 33 ओवर बचे थे। जिसके बाद इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड का धमाल देखने को मिला। गेंद को ब्रॉउड्री के बाहर भेजने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। लेकिन आखिरकार 63वीं बॉल पर वह शिकार हो गये। ब्रॉड के जाते ही उसी ओवर में जेम्स एंडरसन भी पवेलियन लौट गये। जिन्हें पार्ट टाइम बॉलर विलियम्सन ने आउट किया, विलियम्सन ने 44 पर 4 विकेट अपने खाते में डाले। जिसके बाद प्रायर ने मोंटी पनेसर के साथ मिलकर 19 गेंदों का सामना किया और अंत में, दोनों ने टीम को हार से बचाया व यह सीरीज 0-0 पर खत्म हुई।