विश्व में क्रिकेट का दायरा ज़्यादा बड़ा नहीं है, क्योंकि सिर्फ़ 12 देश ही टेस्ट मैच खेलते हैं। इनमें से हर टीम के हालात एक जैसे नहीं हैं, भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड सबसे मज़बूत टीमों में से एक हैं, इसके अलावा दक्षिण अफ़्रीका का भी दबदबा देखने को मिलता है। कई अन्य देश में ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिनका रिकॉर्ड और प्रदर्शन काफ़ी बेहतरीन रहा है लेकिन सुर्ख़ियों में ज़्यादा जगह नहीं बना पाए हैं। इससे साथ-साथ टी-20 के रोमांच के बीच टेस्ट के बेहतरीन खिलाड़ियों की चमक फीकी पड़ जाती है। कोई भी टी-20 लीग में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रोतों रात सुपरस्टार बन जाते हैं, लेकिन टेस्ट खिलाड़ियों के लिए ऐसे हालात नहीं हैं। हम यहां 5 ऐसे बल्लेबाज़ों के बारे में बता रहें हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहद कामयाब हैं, लेकिन उनको इतनी सुर्ख़ियां नहीं मिली जितने के वो हक़दार थे।
क्रेग ब्रैथवेट
वेस्टइंडीज़ का खिलाड़ी होना ही ख़ुद में एक ताक़त को दर्शाता है। जब एक टीम टेस्ट क्रिकेट में काफ़ी बुरे दौर से गुज़र रही हो, ऐसे में उस टीम के किसी बल्लेबाज़ के लिए अच्छा आंकड़ा हासिल करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे हालात में भी कैरीबियाई टीम में एक ऐसा खिलाड़ी है जो पूरे संयम और एकाग्रता के साथ टेस्ट में बल्लेबाज़ी करता है, उसका नाम है क्रेग ब्रैथवेट। 44 टेस्ट मैच में उनका औसत 37.43 है। वो विदेशी पिच पर भी शानदार खेल दिखाने में माहिर हैं। वो दक्षिण अफ़्रीका, यूएई और इंग्लैंड में भी शतक लगा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया में भी अच्छा स्कोर बनाया है।
असद शफ़ीक़
असद शफ़ीक़ एक बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं जो लगातार शानदार प्रदर्शन करने की ताक़त रखते हैं। पाकिस्तान टीम में वो अकसर छठे नंबर पर बल्लेबाज़ी तकते हैं। उनके बारे में ज़्यादा चर्चाएं नहीं हो पाती, हांलाकि वो टेस्ट के लिए माकूल खिलाड़ी हैं। टेस्ट में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 39.71 है। वो एशियाई हालात में स्पिन को अच्छे तरीके से खेलना जानते हैं। इसके अलावा तेज़ गेंद को भी खेलने में वो माहिर खिलाड़ी हैं। उन्होंने प्रोटियास टीम के स्टेन, मॉर्कल और फ़िलेंडर की गेंदों का बड़ी समझदारी के साथ सामना किया था। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्होंने ब्रिस्बेन में 137 रन की पारी खेली थी। शफ़ीक ने 58 टेस्ट में 11 शतक लगाए हैं जो उनकी क़ाबिलियत को बयां करता है।
अज़हर अली
अज़हर अली पाकिस्तान की तरफ़ से नंबर 3 की पोज़ीशन पर बल्लेबाज़ी करते हैं। 33 साल के इस पाकिस्तानी बल्लेबाज़ अपनी टीम में बड़ी ज़िम्मेदारी निभाते हैं। अली ने साल 2010 में इंग्लैंड दौरे के वक़्त डेब्यू किया था। जब टीम के सभी बल्लेबाज़ फ़ेल हुए, ऐसे में अज़हर ने ओवल में 92* रन की पारी खेली थी। पहले वो बल्लेबाज़ी में रक्षात्मक नीति अपनाते थे लेकिन आज वो एक मज़बूत बल्लेबाज़ बन चुके हैं। अली ने 62 टेस्ट मैच में 5000 से ज़्यादा रन बनाए हैं, जिसमें 14 शतक शामिल हैं। सबसे से अच्छी बात ये है कि वो वक़्त के साथ और बेहतर होते जा रहे हैं। वो टेस्ट में दोहरा और तिहरा शतक भी लगा चुके हैं। इतनी सफ़लता के बाद उन्हें बेहतरीन बल्लेबाज़ों में गिना जाना चाहिए।
बीजे वॉटलिंग
एडम गिलक्रिस्ट के संन्यास लेने के बाद क्रिकेट की दुनिया को उनके उत्तराधिकारी की तलाश थी। हांलाकि बाद में कई विकेटकीपर्स ने अपना जलवा दिखाया है, लेकिन गिली की तरह छाप छोड़ने में नाकाम साबित हुए। हांलाकि ऐसे कई विकेटकीपर आए हैं जिन्होंने टेस्ट में बड़ी क़ामयाबी हासिल की है। इनमें महेंद्र सिंह धोनी, मैट प्रायर और ब्रैड हैडिन का नाम आता है। इन सबके अलावा न्यूज़ीलैंड के बीजे वॉटलिंग ही ऐसे विकेटकीपर हुए हैं जिनका टेस्ट में प्रदर्शन शानदार रहा है। फ़रवरी 2014 से जनवरी 2015 के बीच दो ऐसी साझेदारियां की जो 350 रन से ज़्यादा की थीं। 52 टेस्ट मैच में उन्होंने 50 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जिनमें 6 शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं। मोमिनुल हक़ बांग्लादेश के मोमिनुल हक़ ने उस वक़्त धमाल मचाया था जब उन्होंने साल 2013 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 181 रन की पारी खेली थी। वो बांग्लादेश का भविष्य हैं, और टीम को उनसे काफ़ी उम्मीदें हैं। 26 साल के इस खिलाड़ी ने 26 टेस्ट मैच में 48 से ज़्यादा की औसत से 2000 से ऊपर रन बनाए हैं। इनमें 6 शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। भले ही वो तमीम इक़बाल और मुशफ़िकुर रहीम जितने मशहूर नहीं हैं, लेकिन वो किसी से कम भी नहीं हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज़, न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका में अर्धशतक बनाए हैं, लेकिन बांग्लादेश के बाहर वो बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे हैं। लेखक- अक्षय शर्मा अनुवादक – शारिक़ुल होदा