भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई यह सीरीज, 90 के दशक की सबसे एकतरफा सीरीज साबित हुई। ज्यादातर भारतीय खिलाड़ी पहली बार ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर खेल रहे थे। यहां तक कि फैन्स को भी तत्कालीन भारतीय टीम से कुछ खास उम्मीदें नहीं थीं। ऐडिलेड में हुए पहले टेस्ट में कंगारुओं ने पहली पारी में 441 रन बनाए। जवाब में भारत ने पहली पारी में 285 रन बनाए और कंगारुओं ने 156 रनों की बढ़त ले ली। ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में बड़े स्कोर की उम्मीद थी, लेकिन जवागल श्रीनाथ और अजीत अगारकर की बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत कंगारू 239/8 पर सिमट गए। हालांकि, इसके बाद भी भारत के हालात सुधरे नहीं। भारत 27/3 के स्कोर पर था और ग्लेन मैकग्राथ की बाउंसर सचिन के कंधे से टकराई। अपील हुई और अंपायर ने सचिन को आउट दे दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारतीय पारी को 110 रनों पर ही समेट दिया। भारत को सीरीज के दूसरे और तीसरे टेस्ट में बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। भारत 3-0 से सीरीज भी हार गया। यह सीरीज भारतीय फैन्स के लिए बुरे सपने की तरह है। इस श्रृंखला में ही अजीत अगारकर लगातार 5 बार शून्य पर आउट हुए।