क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे मौके जब खिलाड़ियों ने अपनी ख़ुदगर्ज़ी को दरकिनार किया हो

GAMBHIR-KOHLI

#4 जब सर रिचर्ड हेडली ने 10 विकेट लेने का मौका क़ुर्बान किया

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HADLEE

साल 1965 में इंग्लैंड के स्पिनर जिम लेकर ने मैनचेस्टर में टेस्ट की एक पारी में 10 विकेट हासिल किए थे जिसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सभी बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था। 34 साल बाद भारत के लेग स्पिनर अनिल कुंबले ऐसे कारनामा करने वाले दूसरे गेंदबाज़ बने थे। कुंबले ने साल 1999 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दिल्ली टेस्ट की एक पारी में सभी पाक बल्लेबाज़ों को आउट किया था। कुंबले के इस रिकॉर्ड से 14 साल पहले ऐसे ही एक रिकॉर्ड बनते-बनते रह गया था। साल 1985 में ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में न्यूज़ीलैंड के सर रिचर्ड हेडली 10 विकेट के रिकॉर्ड के बेहद क़रीब आ गए थे। इस मैच में एक वक़्त उन्होंने पहले सभी 8 विकेट हासिल किए। उसके बाद वॉन ब्राउन गेंदबाज़ी करने आए, रिचर्ड हेडली ने उनको विकेट लेने में मदद की। दरअसल ब्राउन की गेंद पर जब ऑस्ट्रेलिया के जेफ लॉसन ने उछालकर शॉट मारा तो गेंद हेडली के पीछे की तरफ़ जाने लगी, हेडली के पास इतना मौक़ा था कि वो अपने रिकॉर्ड के बारे में सोच सकें लेकिन उन्होंने टीम के फ़ायदे को ध्यान में रखते हुए कैच लपक लिया और कंगारू टीम का 9वां विकेट गिराने में मदद की। इसके बाद रिचर्ड हेडली ने गेंदबाज़ी की और ऑस्ट्रेलिया का आख़िरी विकेट लिया। उन्होंने इस पारी में 52 रन देकर 9 विकेट लिए थे।

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