क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे मौके जब खिलाड़ियों ने अपनी ख़ुदगर्ज़ी को दरकिनार किया हो

GAMBHIR-KOHLI

#3 जब जवागल श्रीनाथ ने अनिल कुंबले को 10 विकेट लेने में मदद की

KUMBLE-SRINATH

पिछली मिसाल हमने सर रिचर्ड हेडली की दी थी जब उन्होंने अपना निजी रिकॉर्ड न देखकर टीम का फ़ायदा देखा, जबकि हेडली काफ़ी आसानी से एक पारी में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बना सकते थे। साल 1999 में दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में भारत और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच चल रहा था। इस मैच में कुंबले ने एक पारी में सभी पाकिस्तानी बल्लेबाज़ को आउट किया था। अनिल कुंबले का ये रिकॉर्ड कभी मुमकिन नहीं होता अगर साथी खिलाड़ी जवागल श्रीनाथ ने क़ुर्बानी न दी होती। जब अनिल कुंबले पाक की आखिरी पारी के 9 विकेट ले चुके थे, तब श्रीनाथ ने 60वां ओवर फेंकना शुरू किया। इस ओवर में उन्होंने विकेट लेने की ज़रा भी कोशिश नहीं की। श्रीनाथ ने सभी 6 गेंदें ऑफ़ स्टंप के बाहर फेंकी ताकि पाक बल्लेबाज़ को विकेट गंवाने का मौका न मिल सके। हांलाकि पाकिस्तान के वक़ार यूनिस ने आउट हो जाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वो ऐसा कर पाने में नाकाम रहे। इसके बाद कुंबले ने 61वां ओवर फेंका, इस ओवर की तीसरी गेंद पर बल्लेबाज़ वसीम अकरम वीवीएस लक्ष्मण को अपना कैच थमा बैठे। अगर श्रीनाथ ने विकेट लेने की कोशिश की होती तो शायद कुंबले का ये रिकॉर्ड मुमकिन नहीं होता, और इतिहास बनते-बनते रह जाता।