क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे मौके जब खिलाड़ियों ने अपनी ख़ुदगर्ज़ी को दरकिनार किया हो

GAMBHIR-KOHLI

#2 जब मार्क टेलर ने 334 रन के निजी स्कोर पर पारी घोषित कर दी थी MARK TAYLOR

किसी भी क्रिकेटर के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ निजी स्कोर बनाना किसी कामयाबी से कम नहीं होता है। ऑस्ट्रेलिय़ा के पूर्व कप्तान मार्क टेलर के पास 1998 में ऐसा मौका आया था जब वो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेल रहे थे। टेस्ट मैच के दूसरे दिन वो 334 के निजी स्कोर पर नाबाद थे, उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन के 334 रन के रिकॉर्ड की बराबरी की थी जो उन्होंने साल 1930 में लीड्स के हेडिंग्ले मैदान में बनाया था। ये रिकॉर्ड उस समय किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के द्वारा टेस्ट में बनाया गया सबसे बेहतर निजी स्कोर था। जब दूसरे दिन का खेल खत्म हो गया तो टीम में ये चर्चा हुई कि टेलर को अभी और खेलना चाहिए, फ़िलहाल पारी घोषित करने की ज़रूरत नहीं थी। लेकिन कप्तान मार्क टेलर ने रातो रात फ़ैसला लिया कि वो सर डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ेंगे और पारी घोषित करेंगे। टेलर के पास मौका था कि वो वेस्टइंडीज़ के ब्रायन लारा के 375 रन के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकें। लारा के 375 रन का रिकॉर्ड उस वक़्त टेस्ट का सबसे बेहतर रिकॉर्ड था। मार्क टेलर ने मैच के बाद कहा कि “चूंकि मैंने सर डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी जो मेरे लिए काफ़ी था, ब्रायन लारा का रिकॉर्ड मेरे लिए मायने नहीं रखता। मेरे लिए टीम की जीत ज़्यादा ज़रूरी है जिसके लिए यहां हूं।”

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