क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे मौके जब खिलाड़ियों ने अपनी ख़ुदगर्ज़ी को दरकिनार किया हो

GAMBHIR-KOHLI
#1 जब रॉबिन उथप्पा ने रोहित शर्मा को 264 रन का विश्व रिकॉर्ड बनाने में मदद की
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ROHIT-UTHAPPA

13 नवंबर 2014 का वो दिन जब भारत के सलामी बल्लेबाज़ रोहित शर्मा ने 250 रन के आंकड़े को पार किया था और वनडे में 264 रन का निजी स्कोर बनाया था। ये अब तक वनडे में बनाया गया सबसे बेहतर निजी स्कोर है। रोहित को इस प्रदर्शन के लिए ख़ूब वाहवाही मिली लेकिन ये भी मानना पड़ेगा कि 264 रन का रिकॉर्ड रॉबिन उथप्पा की मदद के बिना नामुमकिन था। जब रोहित ये रिकॉर्ड बना रहे थे तो रॉबिन उथप्पा उनका साथ निभा रहे थे। उथप्पा को टीम इंडिया में खेलने का मौका बहुत दिनों बाद मिला था। वो सीरीज़ के आख़िरी 2 मैचों में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर आए थे ( सीरीज़ के पहले 3 मैच में ऋद्धिमान साहा को मौका मिला था)। उस वक़्त नियमित विकेटकीपर बल्लेबाज़ और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले आराम दिया गया था। इस मैच के दौरान उथप्पा को टीम में अपनी जगह बनाने का भी दबाव था। वो 41वें ओवर में पिच पर आए जब भारत का स्कोर 276/4 था और रोहित 155 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे। उथप्पा के पिच पर आने के बाद रोहित ने 43 गेंदों पर बाकी 91 रन बनाए रॉबिन उथप्पा ने बाकी बची 58 गेंदों में सिर्फ़ 16 गेंदों का सामना किया और 16 रन बनाकार नाबाद रहे। रॉबिन ने ये सुनिश्चित किया कि रोहित को ज़्यादा से ज़्यादा स्ट्राइक मिले जिससे रोहित एक विश्व रिकॉर्ड बना सकें। जब किसी भी खिलाड़ी को टीम में अपनी जगह बनानी हो तो शायद ही कोई इतनी कुर्बानी देता है जैसा कि रॉबिन उथप्पा ने किया।

Edited by Staff Editor
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