भारत पहला मैच हार चुका था और टीम दूसरा मैच भी हार जाती अगर धोनी टीम को संकट से न उबारते। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत का स्कोर एक समय 124 पर 6 था लेकिन धोनी ने भुवनेश्वर कुमार के साथ 41 और भज्जी के साथ 56 रन की साझेदारी निभाते हुए 92 रन बनाये थे। जबकि टीम ने निश्चित अंतराल पर विकेट गवां दिए थे। लेकिन उन्होंने 86 गेंदों में 7 चौके और 4 छक्के मारे थे। उन्होंने इस अहम पल में बेहतरीन बल्लेबाज़ी की थी। उनकी वजह से टीम ने किसी तरह से पूरे पचास ओवर खेल पाई थी। धोनी ने पहले भारत को सम्मानजनक स्कोर 247 तक पहुंचाया जिसके बाद अपनी कप्तानी से उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को 225 रन पर आलआउट भी कर दिया। इससे पहले वनडे में मिली हार के बाद उनसे बड़ा ही अटपटा सवाल पूछा गया था। उन्होंने उन सभी आलोचकों का मुंह अपने बल्ले से बंद किया था।