सीमा रेखा के क़रीब फ़ील्डिंग करते हुए आजकल के फ़ील्डर्स के बीच साझेदारी भी देखने को मिल रही है। जहां एक फ़ील्डर गेंद का पीछा करते हुए उसे सीमा रेखा से पहले रोकता है, और दूसरा फ़ील्डर थोड़ा पीछे रहता है।
जब पहला फ़ील्डर गेंद पकड़कर दूसरे फ़ील्डर के हाथ में दे देता है, तब वह तेज़ी से विकेट की ओर थ्रो करता है जिससे समय बचता है और रन भी।
×
Feedback
Why did you not like this content?
Was this article helpful?
Thank You for feedback
About the author
Syed Hussain
एक खेल पत्रकार, जिसके पास 11 सालों से ज़्यादा का अनुभव हासिल है। ताक़त एंकरिंग, रिपोर्टिंग और हिन्दी है, लिखना बेहद पसंद है फिर चाहे वह किसी भी विषय पर हो। एक खिलाड़ी होने के नाते खेल से जुड़े रहना और उसपर लिखते रहना या उसे किसी भी तरह से आप सभी के सामने लाना पसंद है।