छोटे मैदान और चौड़े बल्लों की वजह से सीमित ओवर क्रिकेट में एक मिसहिट भी छक्के में बदल जाती है। यही वजह है कि सीमा रेखा पर तैनात फ़ील्डरों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। इसका नतीजा ये हुआ है कि आज कई बार ऐसा देखा गया है कि एक फ़ील्डर पहले छलांग लगाता है और गेंद को सीमा रेखा से बाहर जाने से रोकते हुए उसे अंदर की ओर धकेलता है और फिर संतुलन बनाते हुए वापस कैच लपक लेता है। इसी तरह से दो खिलाड़ियों के बीच में भी ये तालमेल आज बिल्कुल आम बात होती जा रही है, जहां एक खिलाड़ी छलांग लगाते हुए छक्का बचाता है और ख़ुद बाहर जाते हुए गेंद को अंतर की ओर उछाल देता है जहां मौजूद दूसरा फ़ील्डर उसे लपक लेता है और इसे रिले कैचिंग कहा जाता है।
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