कुछ दशक पहले क्रिकेट में उतनी आसानी से रन नहीं बनते थे, जितने अब बनने लगे हैं। आज से दो या तीन दशक पहले अगर किसी बल्लेबाज़ की स्ट्राइक रेट 65 से 70 की बीच में होती थी, तो उसे आक्रमक बल्लेबाज़ माना जाता था। हालांकि तब भी विवियन रिचर्ड्स जैसे खिलाड़ी भी हुए जिन्होंने वनडे में 90 से ज़्यादा की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। वनडे में अगर कोई टीम 250 रन बना ले तो उसे अच्छा स्कोर माना जाता था, वह भी तब जब 55 और 60 ओवर के वनडे मुक़ाबले हुआ करते थे। ज़माना बदल चुका है और अब 320 और 350 के स्कोर भी मामूली होते जा रहे हैं, यहां तक कि अब तो 400 का आंकड़ा भी आसानी से बनता जा रहा है। टी20 क्रिकेट की शुरुआत के बाद तो गेंदबाज़ों के लिए 6 से नीचे की इकोनॉमी रखना मुश्किल हो चुका है। वनडे क्रिकेट में तो कई गेंदबाज़ अपने 10 ओवर के कोटे में 100 से ज़्यादा रन भी लुटा चुके हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में और ख़ास तौर से भारत में पिच भी बल्लेबाज़ों की जन्नत बनाई जा रही है, और आउटफ़ील्ड भी सुपरफ़ास्ट। भारतीय स्टेडियम की बात की जाए तो मुंबई के वानखेड़े, बैंगलोर के चिन्नास्वामी और कोलकाता के इडेन गार्डेन में तो रनों की बारिश हुआ करती है। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में भारत में और भी कई नए स्टेडियम बने हैं, जहां आईपीएल और अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले भी खेले गए हैं। इन नए नवेले स्टेडियम को भी ठीक उसी तरह बनाया गया है जैसे मुंबई का वानखेड़े और कोलकाता का इडेन गार्डेन हो, यानी बल्लेबाज़ों और दर्शकों की बल्ले बल्ले। ऐसे ही 5 नए क्रिकेट स्टेडियम हम आपके सामने रख रहे हैं जो आने वाले वक़्त में वानखेड़े और इडेन गार्डेन की तरह लोकप्रिय हो सकते हैं। #5 डी वाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई नवी मुंबई में स्थित डी वाई पाटिल स्टेडियम भारत का नौवां सबसे बड़ा स्टेडियम है। 2008 में बने इस स्टेडियम में क्रिकेट के अलावा फ़ुटबॉल के मुक़ाबले भी खेले गए हैं। 2017 में होने वाले अंडर-17 फ़ीफ़ा वर्ल्डकप की मेज़बानी भी इस स्टेडियम को मिली है। 55 हज़ार की क्षमता वाले इस स्टेडियम में आईपीएल के पहले सीज़न का फ़ाइनल मुक़ाबला भी खेला गया था, जहां राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स को शिकस्त देकर आईपीएल के पहले चैंपियन बने थे। आईपीएल 2010 का फ़ाइनल भी इसी मैदान पर मेज़बान मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला गया था। हालांकि अब तक एक भी अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबला इस मैदान पर मुकम्मल नहीं हो पाया है। 2009 में पहली बार इस स्टेडियम को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज़ के सातवें और आख़िरी मुक़ाबले की मेज़बानी मिली थी, लेकिन बारिश की वजह से एक भी गेंद नहीं हो पाई थी। #2 जेएससीए अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम, रांची 2013 की शुरुआत तक झारखंड में जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुक़ाबले हुआ करते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों से इस मैदान पर कई अंतर्राष्ट्रीय सीमित ओवर क्रिकेट मैच हुए हैं और इस लंबे सीज़न में टेस्ट मैच भी रांची में खेला जाना है। रांची के इस ख़ूबसूरत स्टेडियम की क्षमता क़रीब 40 हज़ार दर्शकों की है, इस मैदान पर पहली बार 2013 में भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे मैच खेला गया था। इसके अलावा भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच और भारत-श्रीलंका के बीच भी रांची में वनडे क्रिकेट मैच खेला जा चुका है। जेएसीसी स्टेडियम की आउटफ़ील्ड भी काफ़ी शानदार है, जहां तेज़ी से गेंद सीमा रेखा की ओर भागती है। यानी एक और ऐसा स्टेडियम जहां बड़े बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है। आने वाले वक़्त में रांची का ये स्टेडियम भारत में काफ़ी लोकप्रिय हो सकता है। #3 एसवीएनएस अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, रायपुर रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह क्रिकेट स्टेडियम को इडेन गार्डेन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम माना जाता है। इस स्टेडियम में 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है। नया रायपुर में स्थित ये स्टेडियम रायपुर हवाई अड्डे से भी काफ़ी नज़दीक है। आईपीएल के इस सीज़न में दिल्ली डेयरडेविल्स का ये घरेलू मैदान भी था, जहां दिल्ली ने दो मुक़ाबले खेले थे। 2014 चैंपियंस लीग टी20 में इस मैदान पर 8 मुक़ाबले खेले गए थे। टी20 में इस मैदान पर औसत स्कोर 151 का रहा है, जबकि औसत रनरेट 7.18 की रही है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इस स्टेडियम की काफ़ी तारीफ़ की थी और कहा था कि ये स्टेडियम हर एक फ़ॉर्मेट के लिए बेहतरीन है। टीम इंडिया के ऑलराउंडर इरफ़ान पठान ने भी रायपुर के इस स्टेडियम की प्रशंसा की थी। ''जब अवसर मिलने के बाद इस तरह का स्टेडियम बने, जहां हर सुविधा उपलब्ध हो, तो आशा कर सकते हैं क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा। मैं उम्मीद करता हूं कि दोबारा जल्द ही इस स्टेडियम में फिर खेलने आउं।'': इरफ़ान पठान हालांकि अब तक इस स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की मेज़बानी नहीं मिली है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही वनडे मैच भी इस स्टेडियम में खेले जाएंगे। #4 सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम, राजकोट इस मैदान को लॉयंस डेन के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि आईपीएल-9 में सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम गुजरात लायंस का घरेलू मैदान था। इस मैदान की क्षमता 28000 है, लेकिन इसकी ख़ासियत है सौर ऊर्जा से संचालित गुजरात का पहला स्टेडियम। 2008 में बने इस स्टेडियम में रणजी ट्रॉफ़ी के कई मुक़ाबले खेले जा चुके हैं। साल 2013 में पहली बार इस मैदान पर अंतर्राष्ट्रीय वनडे मुक़ाबला भी खेला गया था, जिसमें भारत और इंग्लैंड आमने-सामने थे। इसके अलावा भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 और फिर भारत-दक्षिण अफ़्रीका के बीच वनडे मैच की मेज़बानी भी इस मैदान को मिल चुकी है। नंवबर में राजकोट के इस मैदान को पहली टेस्ट मैच की मेज़बानी का भी मौक़ा मिलने वाला है, जब भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचो की सीरीज़ का एक मुक़ाबला इसी मैदान पर खेला जाएगा। #1 महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, पुणे महाराष्ट्र क्रिकेट संघ ने इस स्टेडियम का निर्माण 2012 में कराया था, जिसमें 42000 लोगों के बैठने की क्षमता है। भारत-इंग्लैंड के बीच उसी साल एक टी20 मैच की मेज़बानी का मौक़ा भी इस स्टेडियम को मिला था। 2013 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच इस मैदान पर पहली बार वनडे मुक़ाबला भी खेला गया और अब साल 2017 में पुणे के इस स्टेडियम को टेस्ट मैच की मेज़बानी का मौक़ा भी मिलने जा रहा है। आने वाले सालों में उम्मीद है कि ये मैदान और भी कई अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबलों का गवाह बनेगा।