भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 3 टेस्ट मैचो की सीरीज़ 22 सितंबर से कानपुर के ग्राीनपार्क शुरू होने जा रही है, जिसके लिए ब्लैककैप्स ने टीम का ऐलान कर दिया है। इस टीम में कोई चौंकाने वाले चयन नहीं हुआ है बल्कि कीवि टीम में वही खिलाड़ी हैं, जो लगातार टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। न्यूज़ीलैंड के लिए इस दौरे पर एक अच्छी बात ये भी साबित हो सकती है कि इस टीम में शामिल ज़्यादातर खिलाड़ियों को भारतीय परिस्थितियों का अच्छा अनुभव हासिल है। क्योंकि कुछ ऐसे हैं जो आईपीएल में भी खेलते हैं तो कई खिलाड़ी 2012 में भारत आई न्यूज़ीलैंड टीम का हिस्सा रह चुके हैं। इसलिए ऐसी उम्मीद की जा रही है कि ये सीरीज़ एक बेहद रोमांचक और प्रतिस्पर्धा से भरी सीरीज़ हो सकती है। हम आपके सामने न्यूज़ीलैंड के पांच ऐसे खिलाड़ियों की फ़ेहरिस्त रख रहे हैं, जिनसे विराट कोहली की टीम को होशियार रहने की ज़रूरत है। #5 ट्रेंट बोल्ट ट्रेंट बोल्ट ने हाल के दिनों में ख़ुद को एक बेहद शानदार तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर स्थापित कि. है। बाएं हाथ का ये तेज़ गेंदबाज़ गेंद से दोनों ही ओर स्विंग कराने में माहिर है, और वह भी तब जब हालात स्विंग के मुफ़ीद न हों। हाल के दिनों में ट्रेंट बोलट की रफ़्तार भी काफ़ी बढ़ गई है, एक बार अगर बोल्ट लय में आ गए तो फिर बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलात पैदा कर सकते हैं। भारत के ख़िलाफ़ भी बोल्ट का प्रदर्शन असरदार रहा है, बोल्ट ने 7 पारियों में 15 भारतीय बल्लेबाज़ों को पैवेलियन की राह दिखाई है। 2012 में भारत दौरे पर आए बोल्ट ने 2 टेस्ट में 5 विकेट झटके थे, उनकी नज़र इस प्रदर्शन से आगे जाने की होगी। बोल्ट की ख़ासियत सिर्फ़ नई और चमकती गेंद से स्विंग करना नहीं है बल्कि पुरानी गेंद से बाएं हाथ का ये तेज़ गेंदबाज़ अच्छी रिवर्स स्विंग कराना भी जानता है, जो भारतीय परिस्थितियों में कारगर साबित हो सकते हैं। #4 इश सोढ़ी भारतीय उपमहाद्वीप की धीमी और स्पिन के मुफ़ीद पिचो पर लेग स्पिनर हमेशा क़ामयाब होते हैं। यही वजह है कि भारतीय मूल के इश सोढ़ी इस दौरे पर कीवियों के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। इश सोढ़ी वक़्त के साथ साथ काफ़ी परिपक्व हो चुके हैं और उनकी गेंदो में भी अब काफ़ी पैनापन आ चुका है। साथ ही साथ अपने जोड़ीदार मिचेल सांटनर के साथ मिलकर वह भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए एक ख़तरा बन सकते हैं। ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ हाल ही में 2 साल बाद सोढ़ी की टेस्ट टीम में वापसी हुई थी, जहां उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 2 मैचो में 24.87 की बेहतरीन औसत से 8 विकेट झटके थे। लुधियाना में जन्में सोढ़ी ने इसी साल हुए वर्ल्ड टी20 में भी भारतीय पिचो पर कमाल का प्रदर्शन किया था, नागपुर में तो भारत को 79 रनों पर ऑलआउट करने में भी इस गेंदबाज़ का अहम योगदान रहा था। #3 रॉस टेलर न्यूज़ीलैंड टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी रॉस टेलर युवाओं के लिए एक मेंटर का किरदार भी निभा रहे हैं। भारतीय परिस्थितियों से अच्छी तरह वाक़िफ़ दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ से कीवियों को बहुत भरोसा है। टेलर भारतीय स्पिनरों के ख़िलाफ़ स्वीप और पुल शॉट खेलकर उनकी लय बिगाड़ने की क़ाबिलियत भी रखते हैं और साथ ही ज़रूरत पड़ने पर वह स्पिन के ख़िलाफ़ रक्षात्मक स्ट्रोक्स भी खेल सकते हैं। एशियाई सरज़मीं पर रॉस टेलर का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है, उन्होंने 28 पारियों में 3 शतक और 6 अर्धशतकों के साथ क़रीब 40 की औसत से 1055 रन बनाए हैं। भारत में ये रिकॉर्ड और भी अच्छा हो जाता है, भारतीय धरती पर इस दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के नाम 16 पारियों में 41 की औसत से 659 रन हैं, जिसमें 3 शतक और एक अर्धशतक शामिल है। भारत के ख़िलाफ़ इस सीरीज़ में रॉस टेलर एक बेहद अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। #2 मिचेल सांटनर 24 वर्षीय इस ऑलराउंडर ने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली है, मिचेल सांटनर को शायद ही कोई भारतीय भूल पाए। वर्ल्ड टी20 में 4 विकेट लेकर इस बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ ने टीम इंडिया की कमर तोड़ डाली थी। नतीजा ये हुआ था कि भारतीय क्रिकेट टीम सिर्फ़ 79 रनों पर ढेर हो गई थी। सांटनर को भारतीय पिचो पर स्पिन मिलने की पूरी संभावना है, साथ ही उनकी सबसे बड़ी ताक़त है सटीक और शानदार लाइन लेंथ पर गेंद करना ताकि बल्लेबाज़ों को रन बनाने की आज़ादी न मिल सके। गेंद के अलावा सांटनर मध्यक्रम के एक उपयोगी बल्लेबाज़ भी हैं, सांटनर ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी एकाग्रता और संयम भरी बल्लेबाज़ी से सभी को प्रभावित किया है। इस सीरीज़ में न्यूज़ीलैंड को गेंद और बल्ले दोनों ही में इस बाएं हाथ के ऑलराउंडर से काफ़ी उम्मीदें होंगी। टीम इंडिया को इस खिलाड़ी से होशियार रहने की ज़रूरत है, सांटनर कीवियों के लिए एक छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं। #1 केन विलियमसन न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन मौजूदा दौर के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में शुमार किए जाते हैं। भारत के विराट कोहली, इंग्लैंड के जो रूट और ऑस्ट्रेलिया के स्टीवेन स्मिथ के साथ केन विलियमसन को एक ही फ़ेहरिस्त में रखा जाता है। क्रिकेट का कोई भी फ़ॉर्मेट हो और जैसे भी हालात हों, ये बल्लेबाज़ हर जगह अपने प्रदर्शन से दिल के साथ साथ मैच जीतना जानता है। भारतीय गेंदबाज़ों के लिए केन विलियमसन सबसे बड़ा ख़तरा हैं, क्योंकि केन विलियमसन अपनी विकेट की क़ीमत काफ़ी ज़्यादा रखते हैं। भारतीय परिस्थितियों का भी केन विलियमसन को ख़ासा अनुभव है, आईपीएल और वर्ल्ड टी20 में भी इस बल्लेबाज़ ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था। ब्रेंडन मैकुलम की तरह विलियमसन आतिशी पारी के लिए तो नहीं जाने जाते लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी उतनी ही असरदार और आकर्षक है। एशियाई धरती पर विलियमसन का रिकॉर्ड बेहद लाजवाब है, दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने 47 की बेहतरीन औसत से अब तक 4 शतक और इतने ही अर्धशतक लगाए हैं। इस सीरीज़ के दौरान के विलियमसन की नज़र अपने इस रिकॉर्ड को और भी बेहतर करने की होगी। एक बेहतरीन बल्लेबाज़ के साथ साथ केन विलियमसन के तेज़ तर्रार कप्तान भी हैं, अंग्रेज़ी में कहा जाए तो उनके पास शानदार Cricketing Brain (क्रिकेटिंग ब्रेन) भी है जिससे कोहली एंड कंपनी को सावधान रहना होगा।