सोचिए एक बल्लेबाज़ निडर होकर मैदान में आए और आकर कुछ दिलकश शॉट्स लगाए और मैदान में बैठे दर्शकों का मनोरंजन करें, इस स्तिथी में सबसे अच्छी सीट किसकी हो सकती हैं? कौन इन सब चीजों को अच्छी तरह से एंजॉय कर सकता हैं?
क्रिकेट में ग्राउंड में सबसे अच्छी सीट होती हैं, एक नॉन स्ट्राइकिंग बल्लेबाज़ की, जोकि अपने साथ बल्लेबाज़ को खेलता हुआ देख सकता है। कई बार एक नॉन स्ट्राइकिंग बल्लेबाज़ अपने सामने रिकॉर्ड बनते देखता है और उस पल का गवाह भी बन जाता हैं
आइये नज़र डालते हैं उन 5 लकी नॉन स्ट्राइकिंग बल्लेबाजों पर, जिन्होंने अपने सामने इतिहास बनते देखा।
नोट: हमने क्रिकेट के सारे फॉर्मेट में से यादगार रिकॉर्ड्स निकाले है
# राइडली जैकब्स - ब्रायन लारा 400
वेस्ट इंडीज के विकेट कीपर बल्लेबाज़ इससे ज्यादा क्या मांग सकते थे। छ्ह महीने पहले ही ब्रायन लारा के टेस्ट में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर को मैथ्यू हेडन ने तोड़ा था, लेकिन 6 महीने के अंदर ही लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 400 रन बनाकर यह रिकॉर्ड फिर अपने नाम कर लिया। यह वही ग्राउंड था, जिसके ऊपर लारा ने पिछली बार 375 रन मारे थे।
जब लारा यह रिकॉर्ड बना रहे थे, तो उनका साथ दे रहे थे जैकब्स। इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज के बीच सीरीज के चौथे मैच में लारा ने एंटीगा रिक्रिएशन ग्राउंड, सेंट जॉन, एंटीगा में इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार 400 रन बनाए।
जैकब्स ने उस मैच में 107 रन बनाए और आखिरी मैच के ड्रॉ होने से वेस्ट इंडीज टीम का सफाया होने से बच गया।
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# महेंद्र सिंह धोनी- युवराज सिंह के 6 छक्के और सचिन तेंदुलकर का दोहरा शतक
आप क्या कहेंगे, अगर आपके सामने वाला बल्लेबाज़ एक ही ओवर में 6 छक्के लगाए, वो भी इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ और वो भी एक इंटरनेशनल मैच में?
एमएस धोनी धोनी उस समय मैदान में मौजूद थे, जब युवराज सिंह ने 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के एक मैच में न सिर्फ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाए, बल्कि सिर्फ 12 गेंदों में अपना अर्ध शतक भी पूरा किया, जो आज भी इंटरनेशनल क्रिकेट में एक रिकॉर्ड हैं।
एमएस धोनी के चेहरे पर मुस्कान थी और वो उस पल का लुत्फ भी उठा रहे थे, जब उनके साथी युवराज एक ऐतिहासिक पारी खेल रहे थे।
एमएस धोनी को अपनी किस्मत को शुक्रिया कहना चाहिए वो उस समय में भी मैदान में मौजूद थे, जब सचिन ने अपना पहला दोहरा शतक लगाया था। 2010 में ग्वालियर में सचिन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 147 गेंदों पर 200 रन बनाए और एक इतिहास रचा। भारतीय कप्तान सचिन को बधाई देने के लिए मैदान में मौजूद थे।
# क्रिस केर्न्स - नेथन एस्टल का सबसे तेज़ दोहरा शतक
ऐसा बहुत कम देखा जाता हैं कि एक बल्लेबाज़ टेस्ट क्रिकेट में 150 गेंद में 200 रन बनाए। न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ नाथन एस्टल ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में क्राइस्टचर्च 153 गेंदों पर दोहरा शतक बनाया और यह आज भी एक रिकॉर्ड हैं।
एस्टल ने इंग्लैंड के गेंदबाजों की अच्छे से धुनाई की और टेस्ट क्रिकेट में एक शानदार नॉक खेली। हालांकि न्यूज़ीलैंड वो मैच हार गई थी, लेकिन उस मैच के बाद इंग्लैंड की टीम को ऐसी चोट लगी, जिसे वो कभी भी भुला नहीं पाएंगे। एस्टल का साथ उस समय दे रहे थे क्रिस केर्न्स, जोकि उस समय मैदान के बिल्कुल सही जगह खड़े थे।
टेस्ट मैच की चौथी इनिंग्स में 550 रनों का पीछा करने उतरी न्यूज़ीलैंड की टीम ने इंग्लैंड के गेंदबाजों पर हमला करना शुरू कर दिया और मात्र 168 गेंदो पर 222 रन बना, जिसमे 28 चौके और 11 छक्के शामिल थे।
उनकी पारी बेकार गई और न्यूज़ीलैंड की टीम 98 रनों से मैच हार गई, लेकिन एस्टल की पारी को कोई भी भुला नहीं सकता।
# हाशिम अमला- एबी डिविलियर्स का सबसे तेज़ शतक
साउथ अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के बीच जोहानस्बर्ग में सीरीज का दूसरा वनडे खेला गया, एबी डीविलियर्स ने उस मैच में तहलका सा मचा दिया और सिर्फ 31 गेंदो पर शतक पूरा कर लिया, इसके साथ ही उन्होंने कोरी एंडर्सन के 36 गेंदो पर शतक का रिकॉर्ड भी तोड़ा।
उस मैच में साउथ अफ्रीका ने 50 ओवर्स में 439 रन बनाए, उस मुक़ाबले में तीन साउथ अफ्रीकन बल्लेबाजों ने शतक लगाया, जिसमे हाशिम अमला, रिले रोसो और एबी डिविलियर्स ने शतक जमाया।
अमला ने उस मैच में 153 रन बनाए और दुसरे छोर पर खड़े होकर एबी की क्लास देखी। डिविलियर्स ने वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों के साथ खिलवाड़ किया और 9 चौको और 16 छक्कों की मदद से वनडे क्रिकेट की सबसे फास्टेस्ट सेंचुरी लगाई।
#सुरेश रैना- सचिन तेंदुलकर का 100वां शतक
क्या कोई खिलाड़ी 100 इंटरनेशनल शतक लगा सकता हैं? अगर यह सवाल 10 साल पहले किया जाता तो, सब मना ही करते।
सचिन तेंदुलकर ने अपनी मास्टर क्लास दिखाई और 2012 में एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 100वां इंटरनेशनल शतक लगाया। तेंदुलकर ने 49वां वनडे शतक लगाकर यह मुकाम हासिल किया, इसके अलावा उन्होंने टेस्ट में 51 टेस्ट शतक भी लगाए हैं
इस मामले में सबसे लकी खिलाड़ी सुरेश रैना थे, जोकि नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर खड़े होकर इतिहास बनते देखा। हालांकि सचिन ने उस पारी के चक्कर में काफी आलोचना झेली, क्योंकि वो शतक 138 गेंदो पर बनाया था और भारत 289 रन बनाने के बाद वो मैच बांग्लादेश से हार गया था।
लेखक- पल्लब चैटर्जी, अनुवादक- मयंक महता