भगवान और मनुष्य में सबसे बड़ा फर्क यह है कि भगवान परफेक्ट काम करते हैं जबकि मनुष्य गलती करता है। इसलिए यह मायने नहीं रखता कि आप किसी काम में बहुत ही गुणी हो, लेकिन एक ऐसा समय आता है जब निराशा और हार आपके साथी बन जाते हैं। एमएस धोनी को ही ले लीजिए, उन्हें टी20 और वन-डे में सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माना जाता है। आपको उनकी खासियत बताए तो धोनी का 86 वन-डे में बल्लेबाजी औसत 105 से अधिक का है जिसमें भारत ने इतने वर्षों में जीत दर्ज की है। कोई माही के बाउंड्री जमाकर कई मैच जीताने के कारनामो को कभी नहीं भूल पाएगा, लेकिन कई ऐसे मौके भी आए जब स्पष्ट समझ आया कि वह मनुष्य ही हैं। धोनी ने अधिकांश अपने कंधों पर जिम्मेदारी उठाते हुए बड़े-बड़े लक्ष्य का सफल पीछा किया और टीम को जीत दिलाई। हालांकि, कई ऐसे मौके आए जब धोनी मैच फिनिश करने में नाकाम रहे। आज हम ऐसे ही पांच मौकों पर ध्यान देने जा रहे हैं जब धोनी मैच फिनिश करने में नाकाम रहे। 1) भारत vs वेस्टइंडीज- पहला टी20, 27 अगस्त 2016 (वेस्टइंडीज 1 रन से जीता) धोनी ने टॉस जीतकर वेस्टइंडीज को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। एविन लेविस और जॉनसन चार्ल्स ने 10 ओवर में 126 रन की शतकीय साझेदारी की। लेविस के 49 गेंदों में 100 रन की पारी की बदौलत विंडीज ने 245 रन का विशाल स्कोर बनाया था। इस लक्ष्य को हासिल करना बहुत ही मुश्किल था। हालांकि रोहित शर्मा (28 गेंदों में 62 रन) और केएल राहुल (51 गेंदों में नाबाद 110 रन) की पारियों की बदौलत भारत जीत के बहुत करीब पहुंच चुका था। धोनी 12वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और क्रीज पर जमने का समय लिया तथा ज्यादातर स्ट्राइक सेट बल्लेबाज राहुल को दी। भारत ने 19वें ओवर में 16 रन बनाए और उसे आखिरी ओवर में केवल 8 रन की दरकार थी। भारत और जीत के बीच में ड्वेन ब्रावो खड़े थे, जिन पर 8 रन रोकने की जिम्मेदारी थी। धोनी स्ट्राइक पर थे और उन्हें पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला जब मार्लोन सैमुअल्स ने उनका आसान कैच टपका दिया। हालांकि अगली तीन गेंदों पर लगातार एक-एक रन लिए और पांचवी गेंद पर दो रन दौड़कर मैच आखिरी गेंद तक टाल दिया। अंतिम गेंद पर भारत को दो रन की जरुरत थी और धोनी स्ट्राइक पर थे। ब्रावो ने गति में परिवर्तन करके गेंद फेंकी जो धोनी के बल्ले का किनारा लेकर हवा में गई और सैमुअल्स ने उनका कैच पकड़कर वेस्टइंडीज को एक रन से जीत दिला दी। 2) ज़िम्बाब्वे vs भारत - पहला टी20, 18 जून 2016 (ज़िम्बाब्वे दो रन से जीता) ज़िम्बाब्वे दौरे पर पहले टी20 में एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। ज़िम्बाब्वे ने एल्टन चिगुम्बुरा (नाबाद 54) की पारी की बदौलत 170 रन का मजबूत स्कोर बनाया। भारत की पारी की शुरुआत ख़राब रही जब केएल राहुल पहली ही गेंद पर आउट हो गए। अंबाती रायुडु (19) और मंदीप सिंह (31) ने कुछ भरपाई जरुर की और फिर मनीश पांडे (48) ने उम्दा पारी खेली। धोनी 13वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने संयम के साथ बल्लेबाजी करते हुए भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचाया। यह मैच अंतिम ओवर में गया और भारत को तब 6 गेंदों में 8 रन की दरकार थी। धोनी ने एक रन लेकर पटेल को स्ट्राइक दी और अगली गेंद पर बाएं हाथ के बल्लेबाज आउट हो गए। फिर बल्लेबाजी करने उतरे ऋषि धवन, धोनी ने तीसरी गेंद पर एक रन लिया और धवन को स्ट्राइक दी। धवन ने चौथी गेंद पर रन नहीं बनाया, जबकि पांचवी गेंद पर एक रन लिया। भारत को आखिरी गेंद पर बाउंड्री की जरुरत थी, लेकिन मद्ज़िवा ने ऑफ स्टंप के बाहर गेंद फेंकी, जिस पर धोनी सिर्फ दो रन ही ले सके और मेजबान टीम ने दो रन की यादगार जीत दर्ज की। 3) भारत vs दक्षिण अफ्रीका- पहला वन-डे, 11 अक्टूबर 2015 (दक्षिण अफ्रीका 5 रन से जीता) प्रोटीज टीम भारत में पांच वन-डे की सीरीज खेलने आई थी। कानपुर में दक्षिण अफ्रीका ने एबी डीविलियर्स के शतक और फाफ डू प्लेसिस के अर्धशतक की मदद से भारत के सामने 303 रन का स्कोर खड़ा किया। भारत ने जवाब में रोहित शर्मा (150) और अजिंक्य रहाणे (60) के बीच 149 रन की साझेदारी की बदौलत दमदार चुनौती पेश की। भारत को 23 गेंदों में 35 रन की दरकार थी और धोनी क्रीज पर थे। भारत की जीत आसान नजर आ रही थी, लेकिन रैना ने ताहिर की गेंद पर आसानी से अपना विकेट गंवा दिया और दक्षिण अफ्रीका ने जबर्दस्त वापसी की। धोनी तब भी क्रीज पर थे और भारत को 6 गेंदों पर 11 रन की जरुरत थी। युवा तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा पर धोनी को रोकने का दारोमदार था। रबाडा इसमें कामयाब रहे और उन्होंने उन्होंने पांचवी गेंद पर धोनी को आउट करके दक्षिण अफ्रीका को यादगार जीत दिलाई। 4) इंग्लैंड vs भारत- एकमात्र टी20, 7 सितंबर 2014 (इंग्लैंड 3 रन से जीता) भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया। मेजबान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। कप्तान इयोन मॉर्गन की 31 गेंदों में 71 रन की तेजतर्रार पारी की बदौलत इंग्लैंड ने 180 रन बनाए। जवाब में भारत की ओर से विराट कोहली ने 41 गेंदों में 66 रन की दमदार पारी खेलकर मेहमान टीम को मुकाबले में बनाए रखा। भारत को 34 गेंदों में 50 रन की दरकार थी, तब धोनी और रैना क्रीज पर थे। लक्ष्य भारत की पहुंच में लग रहा था, लेकिन रैना 17वें ओवर में आउट हो गए और पूरी जिम्मेदारी कप्तान धोनी के कंधों पर आ गई। धोनी ने अपनी छवि के मुताबिक मैच अंतिम ओवर तक खींचा और भारत को अंतिम ओवर में 16 रन की दरकार थी। क्रिस वोक्स गेंदबाजी करने आए। धोनी ने पहली ही गेंद पर छक्का जमाकर अंतर 5 गेंदों में 10 रन का कर दिया। अगली गेंद पर उन्होंने दो रन लिए जबकि तीसरी गेंद खाली निकली। चौथी गेंद पर कप्तान धोनी ने चौका जमाकर मैच रोमांचक बना दिया। टीम इंडिया को अब दो गेंदों में पांच रन बनाने की जरुरत थी। भारतीय कप्तान अंतिम दो गेंदों में सिर्फ एक रन ही बना सके। भारतीय प्रशंसकों का दिल टूट गया। 5) भारत vs न्यूजीलैंड- दूसरा टी20, 11 सितंबर 2012 (न्यूजीलैंड 1 रन से जीता) भारत और न्यूजीलैंड के पास दो मैचों की सीरीज जीतने का यह एकमात्र मौका था क्योंकि पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ चुका था। भारतीय कप्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। धोनी की टीम ने न्यूजीलैंड को 167 रन पर रोक दिया जबकि ब्रेंडन मैकुलम ने 55 गेंदों में 91 रन बनाए थे। कोहली ने 41 गेंदों में 70 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर भारत को अच्छी स्थति में बनाए रखे था। युवराज सिंह ने भी 26 गेंदों में 34 रन की उम्दा पारी खेली थी। मगर यह काफी नहीं था। धोनी 14वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने 23 गेंदों में 22 रन की धीमी पारी खेली, जिससे अन्य बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ गया। भारत को आखिरी ओवर में 13 रन की जरुरत थी और धोनी ने 4 गेंदों में 8 रन बंटोर लिए थे। हालांकि तीसरी गेंद पर एक रन लेना धोनी और टीम इंडिया को भारी पड़ गया क्योंकि कीवी टीम ने मजबूती दिखाते हुए एक रन से मैच जीत लिया।