धोनी ने टॉस जीतकर वेस्टइंडीज को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। एविन लेविस और जॉनसन चार्ल्स ने 10 ओवर में 126 रन की शतकीय साझेदारी की। लेविस के 49 गेंदों में 100 रन की पारी की बदौलत विंडीज ने 245 रन का विशाल स्कोर बनाया था। इस लक्ष्य को हासिल करना बहुत ही मुश्किल था। हालांकि रोहित शर्मा (28 गेंदों में 62 रन) और केएल राहुल (51 गेंदों में नाबाद 110 रन) की पारियों की बदौलत भारत जीत के बहुत करीब पहुंच चुका था। धोनी 12वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और क्रीज पर जमने का समय लिया तथा ज्यादातर स्ट्राइक सेट बल्लेबाज राहुल को दी। भारत ने 19वें ओवर में 16 रन बनाए और उसे आखिरी ओवर में केवल 8 रन की दरकार थी। भारत और जीत के बीच में ड्वेन ब्रावो खड़े थे, जिन पर 8 रन रोकने की जिम्मेदारी थी। धोनी स्ट्राइक पर थे और उन्हें पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला जब मार्लोन सैमुअल्स ने उनका आसान कैच टपका दिया। हालांकि अगली तीन गेंदों पर लगातार एक-एक रन लिए और पांचवी गेंद पर दो रन दौड़कर मैच आखिरी गेंद तक टाल दिया। अंतिम गेंद पर भारत को दो रन की जरुरत थी और धोनी स्ट्राइक पर थे। ब्रावो ने गति में परिवर्तन करके गेंद फेंकी जो धोनी के बल्ले का किनारा लेकर हवा में गई और सैमुअल्स ने उनका कैच पकड़कर वेस्टइंडीज को एक रन से जीत दिला दी।