एमएस धोनी क्रिकेट जगत में ‘कूल कप्तान’ के रूप में जाने जाते है, जो दबाव के समय भी शांत रहते है। उनके इसी शांत और ठंडे स्वभाव ने काफी मुश्किल मौकों पर भारतीय टीम को आगे ले जाने में मदद की है। पर इस दौरान ऐसे भी मौके आए है जब धोनी ने अपना शांत स्वभाव खो दिया था। यहाँ हम आपको बताएँगे ऐसे 5 मौकों के बारे में जब धोनी को गुस्सा आया था।
5. जब धोनी को घर की बनी बिरियानी खाने से माना किया
[caption id="attachment_15853" align="alignnone" width="671"] एमएस धोनी[/caption] धोनी अपने खाने को लेकर भी क्रिकेट जितने ही जज्बाती है। 2014 के चैम्पियन्स लीग टी20 के दौरान धोनी हैदराबाद में होटल ग्रांड काकटिया द्वारा सीएसके टीम को अंबाती रायडू के घर से बनी बिरियानी खाने से मना करने पर गुस्सा हो गए थे। होटल का यह निर्णय धोनी को इतना बुरा लगा, की उन्होंने पूरी सीएसके टीम के साथ होटल छोड़कर उनके प्रतिद्वंदी होटल ताज कृष्णा में चले गए। उन्होंने टीम प्रबंधन से होटल की बूकिंग रद्द कारवाई और उनके साथ बीसीसीआई के अधिकारी भी टीम के साथ ताज कृष्णा में चले गए। यह धोनी को बिरियानी ना खाने देने के लिए कोई छोटी रकम नहीं है।
4. जब युवराज ने दूसरा रन लेने से मना किया
[caption id="attachment_15852" align="alignnone" width="671"] ये काफी करीबी मैच था[/caption] भारत 2011 विश्व कप फ़ाइनल में जीत के लिए संघर्ष कर रहा था, जब एमएस धोनी ने एकाएक अपना आपा खो दिया। नुवन कुलसेखरा की गेंद थी और भारत को जीत के लिए 22 गेंदों में 22 रन चाहिए थे, तब धोनी ने गेंद को तेज लॉन्ग ऑन की तरफ मारा था। धोनी कुलसेखरा की गेंदों का मजा ले रहे थे और वो युवराज सिंह द्वारा दूसरे रन का मना करने पर आश्चर्यचकित हो गए। हालांकि दूसरा रन मुमकिन नहीं था, धोनी ने युवराज की और काफी गुस्से से इशारा किया और अपनी नाखुशी को जाहीर किया।
3. जब सीएसके के डीप के फील्डर ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया
[caption id="attachment_15851" align="alignnone" width="620"] एमएस धोनी[/caption] 2012 के आईपीएल में सीएसके और डीडी के बीच क्वालिफ़ायिंग मुक़ाबला चल रहा था, सीएसके ने मुरली विजय के शानदार शतक की मदद से 222 रनों का बड़ा स्कोर बना दिया। हालांकि उनके पास रक्षा करने के लिए बड़ा स्कोर था, एमएस धोनी नहीं चाहते थे की उनकी टीम सामने वाली टीम को कोई ढील दे और अपने खेल पर पूरा ध्यान लगा के रखे। वो अपनी खुद की गलती से झल्ला उठे, जब वो ब्रोवो की लेग साइड की गेंद के लिए फील्डर नहीं लगा सके, धोनी उस समय काफी गुस्सा हो गए, जब वो फ़िल्डिंग लगा रहे थे तो डीप में खड़े फील्डर ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। यह साफ नहीं हुआ की वो बदनसीब फील्डर कौन था, पर संजय मांजरेकर मे भी कॉमेंटरी में कहा की “हमने अभी-अभी महेंद्र सिंह धोनी का अपने फील्डर पर चिल्लाते हुये एक अलग रूप कैमरे में कैद किया है।”
2. जब जड़ेजा ने दूसरा रन दिया
[caption id="attachment_15850" align="alignnone" width="636"] अपनी टीम के साथ धोनी[/caption] आईपीएल का चेन्नई और राजस्थान ले एमए चिदम्बरम स्टेडियम चेन्नई में हो रहा एक मैच तब तनाव में आ गया जब ब्रावो के आखरी ओवर में 27 रन की जरूरत थी। क्रिस मोरिस ने पहली गेंद को सीमा रेखा के ऊपर से भेज दिया, जो कमर के ऊपर की फूल-टॉस होने के कारण एक नो-बॉल भी थी। मोरिस ने अगली गेंद को डीप मिड-विकेट की तरफ खेला और रवीद्र जड़ेजा ने गेंद रोकने में सुस्ती दिखते हुये मोरिस को दूसरा रन लेने का मौका दे दिया। यह ऐसा अनोखा मौका था जब धोनी बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए और जड़ेजा की और देखने लगे। अरुण लाल ने कहा, “अगर किसी के देखने से कोई मरता, तो जड़ेजा अब तक भस्म हो चुके होते।”
1. जब अंपायर ने माइक हसी को आउट देने के बाद वापस बुलाया
[caption id="attachment_15849" align="alignnone" width="620"] अंपायर्स से शिकायत करते धोनी[/caption] 2011-12 की त्रिकोणिय श्रंखला में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन एकदिवसीय मैच का 29वां ओवर चल रहा था, जब सुरेश रैना की गेंदबाजी में एक नजदीकी स्टंपिंग की अपील को तीसरे अंपायर के पास भेजा गया। तीसरे अंपायर ने बल्लेबाज को आउट समझा और हसी वापस जाने लगे, तभी फील्ड अम्पायरों ने उन्हें कुछ ही देर में वापस बुलाया। एमएस धोनी जिस तरह से सब कुछ हुआ उससे काफी गुस्सा हो गए। उन्होंने फील्ड अंपायरों से काफी गरम और लंबी चर्चा की, जहां उन्होंने धोनी को समझाया की स्क्रीन पर ‘आउट’ किसी तकनीकी खराबी की वजह से आया था। पर इसके बाद भी एमएस धोनी कुछ समय के लिए गुस्सा हो गए थे। लेखक- दीप्तेश सेन, अनुवादक- आदित्य मामोड़िया