वनडे में 5 ऐसे मौके जब निचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने टीम को जीत दिलाई हो

BHUVI-DHONI
#3 लसिथ मलिंगा की शानदार बल्लेबाज़ी (साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़)
MALINGA

क्रिकेट प्रेमियों के ज़ेहन में लसिथ मलिंगा कि छवि यॉरकर फेंकने वाले गेंदबाज़ के तौर पर बनती है। इसके अलावा उनके घुंघराले बाल भी बहुत मशहूर हैं। लेकिन साल 2010 के मेलबर्न वनडे में उनका एक और चौंकाने वाला रूप देखने को मिला। मलिंगा और मैथ्यूज़ ने मिलकर 9वें विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी की जिससे ऑस्ट्रेलिया को उनके ही घर में हार का सामना करना पड़ा। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को 240 रन का लक्ष्य दिया जिसमें माइक हसी ने 71 रन बनाए और श्रीलंका की तरफ़ से थिसारा पेरेरा ने 5 विकेट हासिल किए। अपने दोनों सलामी बल्लेबाज़ों के ऑउट होने पर श्रीलंका का स्कोर 73/2 हो गया। ऑस्ट्रेलिया के युवा गेंदबाज़ ज़ेवियर डोहर्टी ने शानदार 4 विकेट लिए जिससे श्रीलंका का स्कोर 107/8 हो गया। एंजेलो मैथ्यूज़ पिच पर मलिंगा का साथ निभाने आए, इस वक़्त श्रीलंका को जीत के लिए 134 रन की ज़रूरत थी। भले ही श्रीलंका के 8 विकेट गिर गए थे लेकिन रन रेट में कोई ख़ास बदलाव नहीं हुआ था, जिससे मलिंगा और मैथ्यूज़ को संभलने का मौका मिल गया। फिर मलिंगा ने विस्फोटक बल्लेबाज़ी करते हुए मैदान में कई शानदार शॉट लगाए, साथ खड़े मैथ्यूज़ ने भी मलिंगा का भरपूर साथ निभाया। माइकल क्लार्क ने कई अलग-अलग गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया फिर भी कोई फ़ायदा नहीं हुआ और दोनों बल्लेबाज़ों ने श्रीलंका को जीत के करीब ला दिया। जब स्कोर बराबर हो गया और जीत के लिए सिर्फ़ 1 रन की ज़रूरत थी तो मलिंगा ने ग़लत वक़्त पर दौड़ते हुए सिंगल लेने की कोशिश की और रन आउट हो गए। ये हालात बिलकुल ऐसे ही लग रहे थे जैसे साल 1999 के वर्ल्ड कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ़्रीका का सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला हो, जो टाई हो गया था। ऐसे में स्ट्राइक पर नर्वस दिख रहे मुथैया मुरलीधरन मौजूद थे। ऑस्ट्रेलिया को लगा कि वो साल 1999 का करिश्मा दोहरा सकते हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया का भ्रम तब टूट गया जब वॉटसन की गेंद पर मुरली ने चौका लगा दिया और एक कभी न भुला पाने वाली जीत हासिल की।