यह अक्सर कहा जाता है कि टी-20 प्रारूप क्रिकेट का सबसे अप्रत्याशित रूप है। यह खेल मैच विनर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। एक खेल, जहां विपक्षी को हराने के लिए टीम का केवल एक ही खिलाड़ी काफी होता है। इस उच्च-तीव्रता और उच्च-जोखिम वाले खेल में एक-एक खिलाड़ी का प्रदर्शन बहुत मायने रखता है। हालांकि, एक महान टी-20 खिलाड़ी की पहचान उसके खेल से होती है, जो बार-बार मैच जीतने वाले प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है। आईपीएल निसंदेह ट्वेंटी-20 का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। आईपीएल में हासिल की गई सफलता सदाबहार वर्ग, कौशल और विरासत की पहचान है। आईये आज बताते हैं हमारी नजर में कौन हैं आईपीएल के अब तक के सबसे महान खिलाड़ी:
#1 क्रिस गेल
क्रिस गेल अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर बहुत विनाशकारी हो सकते हैं। ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय में शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बनने के बाद बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने टी-20 में हैरान कर देने वाले 20 शतक जमाए और जिसके बाद क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में उन्हें 'डॉन' का उपनाम दिया गया। जमैका के सुपरस्टार की निरंतर सफलता का श्रेय उनकी शक्ति को ठहराया जा सकता है। आईपीएल 2011 वेस्टइंडीज प्लेयर के लिए एक शानदार साल था, जहां उन्होंने 12 मैचों में 67.55 की बेहतरीन औसत से 608 रन बनाए। सबसे उल्लेखनीय पहलू स्ट्राइक रेट थी जिस पर इन्होंने रन बनाए। 183.13 की उनकी अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट ने आईपीएल के बहुत लोकप्रिय वाक्यांश को जन्म दिया: "गेल फोर्स।" गेल एक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं या कमेंटेटर के अनुसार, 'धूम- धड़ाके वाला खिलाड़ी'। हालांकि, अपने दिन पर वह अकेले खिलाड़ी होते हैं जो विपक्षी टीम को तहस नहस करके रख देते हैं। कम से कम 50 मैच खेलने वाले खिलाड़ियों के बीच 41.2 की शानदार औसत के साथ टी-20 के इस विशाल खिलाड़ी ने अपने अविश्वसनीय आईपीएल करियर में 5 सैकड़े जड़े हैं। टूर्नामेंट में उनके 265 छक्के सब बताने के लिए काफी हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके आईपीएल करियर का मुख्य आकर्षण 23 अप्रैल 2013 को एम चिन्नास्वामी में 265 की एक असाधारण स्ट्राइक रेट से 66 गेंदों में 175 रनों की पारी थी। इस पारी में लगे 17 छक्के आईपीएल की किसी पारी में सर्वाधिक छक्के रहे और एक समय कमेंटेटर इस पारी के दौरान दोहरा शतक की उम्मीद कर रहे थे।
#2 लसिथ मलिंगा
लसिथ मलिंगा सही तकनीक और कलात्मक सौंदर्य का एक अपवाद हैं। उनका अजीब राउंड आर्म एक्शन समझने के लिए बेहद मुश्किल है और उनकी सटीक शुद्धता को सुलझाना मुश्किल है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को सटीक यॉर्कर्स के लिए ख्याति मिली है और यहां तक कि टी-20 में सबसे अधिक बोल्ड आउट करने का रिकॉर्ड भी उनके पास है। कम से कम 30 मैच खेलने वाले खिलाड़ियों में इस श्रीलंकाई खिलाड़ी का औसत 19 सबसे अच्छा है। वास्तव में, वह टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज है। 110 मैचों में 154 विकेट के साथ, यह तेज गेंदबाज अमित मिश्रा के 134 विकेट से काफी आगे हैं। यह बात अच्छी तरह से मालूम है कि टी-20 के खेल में रनों के प्रवाह के आगे विकेट जरूरी नहीं हैं फिर भी डॉट बॉल निश्चित रूप से मायने रखती हैं। 1060 डॉट बॉल के साथ मलिंगा टूर्नामेंट में डॉट बॉल की संख्या की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। बल्लेबाज़ों को डॉट डालकर दबाव बनाए रखने की उनकी क्षमता विकेट लेने की कसौटी का सबसे प्रमुख कारण है। डॉट गेंदबाजी करना अपने कौशल का केवल एक हिस्सा है। यह निर्णायक है कि इस दबाव को लगातार यह सुनिश्चित करके लागू किया जाता है कि कोई खराब बॉल नहीं है। अगर प्रवीण कुमार के साथ तुलना करें, जिन्होंने टूर्नामेंट में डॉट बॉल की सूची में नंबर एक स्थान प्राप्त किया है, कुमार के पास केवल 90 विकेट हैं। इसका कारण यह है कि दबाव बनाए रखने की क्षमता के कारण, खराब गेंदबाजी करके बल्लेबाजों को एक आसान बाउड्री दे दी जाती है। जो उनके इकॉनमी रेट 7.72 से दर्शायी जा सकती है, जबकि मलिंगा की इकॉनमी दर 6.86 है।
#3 विराट कोहली
विराट कोहली नियंत्रित आक्रामकता के एक प्रोडक्ट हैं। अन्य भारतीय सुपरस्टार खिलाड़ियों के विपरीत जो भगवान द्वारा दी गई प्रतिभा के बदौलत परिदृश्य पर उभर आए, दाएं हाथ के इस बल्लेबाज की कहानी विकास, विफलताओं और सफलता से भरी है। टूर्नामेंट में 4418 रनों के साथ यह दिल्ली का बल्लेबाज टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी की सूची में दूसरे स्थान पर है। आईपीएल में भारतीय कप्तान का सबसे शानदार वर्ष निसंदेह 2016 था, जहां उन्होंने 973 रन बनाये थे और इस वजह से उनकी टीम टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंच गयी थी। 4 सैकड़ों और 38 छक्के के साथ इस खिलाड़ी ने करिश्माई खेल का प्रदर्शन किया। भारतीय क्रिकेट का ये सुपरस्टार एक प्रेरक लीडर भी है। निर्दयी, शानदार और आक्रामक। कोहली मैदान पर उत्तेजना की भावना लेकर आते हैं और उनकी आक्रामकता उनकी पूरी टीम में व्याप्त होती है। एक लीडर तब तक अच्छा साबित होता है जब तक वह आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करे और कोहली सामने से आगे बढ़कर सभी को प्रेरित करते हैं।
#4 एमएस धोनी
भारत में क्रिकेट को पूजा जाता है और खिलाड़ियों को लोग सिर आंखों पर बैठाते हैं। तेंदुलकर के अलावा भारत में एमएस धोनी सबसे लोकप्रिय पूजे जाने वाले क्रिकेटर हैं। "धोनी, धोनी, धोनी" की गगनभेदी नारों से अनगिनत पोस्टर और बैनर जो प्रशंसक उनके लिए पकड़ते हैं, पब्लिक के लिए चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान बेजोड़ हैं। यह अनुभवी खिलाड़ी क्रिकेट की मेज पर बहुत कुछ लाता है। उनकी बल्लेबाजी उनकी ताकत है और 37.88 की औसत से 3561 रन टूर्नामेंट में उनकी स्थिरता और प्रभावशाली उपस्थिति पर प्रकाश डालते हैं। बल्लेबाज के रूप में उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी अनुकूलन क्षमता है। वह एक पारी को स्थिर कर सकते हैं, पुनर्निर्माण कर सकते हैं, उसे फिर से जीवित कर सकते हैं और एक शानदार तरीके से खत्म कर सकते हैं। यह व्यक्ति सीमित ओवरों के क्रिकेट का पावरहाउस है। बल्लेबाजी के अलावा पूर्व भारतीय कप्तान एक उत्कृष्ट विकेटकीपर हैं। तेज स्टंपिंग से लेकर मूल्यवान सलाह तक वह स्टंप के पीछे एक मास्टर हैं। चेन्नई सुपरकिंग्स फ्रैंचाइजी के कप्तान के रूप में विकेटकीपर-बल्लेबाज ने 2010 और 2011 में एक के बाद एक खिताब अपनी टीम को दिलाए हैं। एक अच्छा विकेटकीपर, बल्ले से विनाशकारी और एक मास्टरमाइंड कप्तान, धोनी ने अपनी प्रतिभा को जोड़कर आईपीएल पर अपनी एक स्थायी विरासत छोड़ दी है।
#5 एबी डीविलियर्स
एबी डीविलियर्स भारतीय प्रशंसकों के बीच सबसे लोकप्रिय विदेशी खिलाड़ियों में से एक है क्योंकि जब वह बल्लेबाजी करने के लिए आते हैं, तो वह एक संपूर्ण मनोरंजन पैकेज होते है। वह एक सुखद दाएं हाथ के क्रूर बल्लेबाज है, उनके पास विकेट के चारों ओर रन बनाने की एक उल्लेखनीय क्षमता है। इसके अतिरिक्त, वह भी एक विकेटकीपर और एक फुर्तीले फील्डर हैं। टूर्नामेंट के 129 मैचों में, पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने 38.16 के उत्कृष्ट औसत से 3473 रन बनाए। हालांकि, उससे भी अधिक अविश्वसनीय यह था कि ये सभी रन 148.16 की एक बेहतरीन स्ट्राइक रेट पर आए। इस दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी की सबसे यादगार पारी में से एक वह 47 रन की पारी थी, जहां उनके योगदान ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को रोमांचक मैच में सनसनीखेज जीत दिलायी थी। उन्होंने डेल स्टेन के एक ओवर में 23 रन बनाये जिसमें उनके बल्ले से कुछ बेरहम और अपरंपरागत शॉट्स देखने को मिले। हालांकि, बिना किसी संदेह के उनकी सबसे विनाशकारी पारी 59 गेंदों में 133 रन थी जो कि वानखेड़े में आयी थी। लेखक- क्रिकेटगुरू अनुवादक- सौम्या तिवारी