हुनर और जज़्बे के बीच में कभी उम्र नहीं आती, क्रिकेट के इस खेल में भी ये बात अक्सर सही साबित होती है। यही वजह है कि 1877 में शुरू हुआ क्रिकेट कई देशों में आज बेहद लोक्रपिय खेल बन चुका है। आज जब टी20 क्रिकेट का भी इजाद हो चुका है, तो ऐसे में इस खेल में फ़िट्नेस का महत्व काफ़ी बढ़ गया है। क्रिकेट अब युवाओं के लिए बनता जा रहा है, लेकिन आज भी मिस्बाह-उल-हक़ और शाहिद आफ़रीदी, और आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ियों ने उम्र को बीच में नहीं आने दिया है। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स टेस्ट में पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह-उल-हक़ ने एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जो क्रिकेट के इतिहास में आज तक नहीं हुआ था। मिस्बाह ने शतक लगाकर एक बार फिर साबित किया कि क्रिकेट में उम्र कोई बाधा नहीं। मिस्बाह ने अपने आप को किस फ़हरीस्त में शामिल कर लिया है, ये जानना आपके लिए भी ज़रूरी है, जानिए टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान शतक लगाने वाले उम्रदराज़ खिलाड़ी: #5 क्लाइव लॉयड (वेस्टइंडीज़) 40 साल, 84 दिन 6 फ़िट 5 इंच लंबे इस कैरेबियाई खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज़ को एक नई पहचान दिलाई, लंबा क़द, झुके हुए कंधे, आंखो पर चश्मा और लंबी मूंछ क्लाइव लॉयड को यही दूसरों से अलग करती थी। क्लाइव लॉयड के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 120 मिनट में 201 रनों की धुंआधार पारी खेलना भी है। 1975-76 में जब वेस्टइंडीज़ का ऑस्ट्रेलिया दौरा काफ़ी निराशाजनक रहा था, तब उन्हें कप्तानी का भी मौक़ा मिला। क्लाइव लॉयड ने कप्तान के तौर पर भी वेस्टइंडीज़ को कई सफलताएं दिलाईं और 1984 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 114 रनों की पारी खेली। #4 डडली नॉर्स (दक्षिण अफ़्रीका) 40 साल 207 दिन टेस्ट क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक दक्षिण अफ़्रीका के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ डडली नॉर्स के बल्ले से आई थी। 1951 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ इस ख़ब्बू बल्लेबाज़ ने दोहरा शतक जड़ा था, उस वक़्त उनकी उम्र 40 साल और 207 दिन थी, और प्रोटियाज़ की कप्तानी का भार भी उनके कंधो पर था। यही वजह है कि डडली नॉर्स इस फ़हरीस्त में जगह बना पाने में क़ामयाब हैं। इस पारी की एक और ख़ास बात ये थी कि नॉर्स ने टूटी हुई उंगली के बावजूद बल्लेबाज़ी करने आए और दोहरा शतक जड़ा। फ़ील्डिंग के दौरान इस अफ़्रीकी कप्तान की उंगली टूट गई थी, लेकिन न तो उम्र आड़े आई और न ही उनकी चोट। #3 वार्विक विंड्रीज आर्मस्ट्रॉंग (ऑस्ट्रेलिया) 41 साल, 265 दिन पहले विश्व युद्ध के बाद एक बार फिर क्रिकेट पटरी पर लौटता दिख रहा था, वार्विक ऑर्मस्ट्रॉंग जिन्हें 'बिग शिप' के नाम से जाना जाता था। इसकी वजह थी उनका विशाल शरीर, वार्विक को 41 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था। हरफ़नमौला वार्विक ने सबसे ज़्यादा उम्र में बतौर कप्तान शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया था, जो क़रीब 50 सालों तक उनके नाम रहा, और 20 दिनों के अंदर ही उन्होंने एक और शतक लगा डाला था। 6 फ़िट और 3 इंच लंबे इस खिलाड़ी ने एक और शतक लगाया और अपने ही रिकॉर्ड को एक बार फिर तोड़ डाला था। #2 रॉबर्ट बेडली सिम्पसन (ऑस्ट्रेलिया) 41 साल, 359 दिन क़रीब 4 दशकों तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा रहे रॉबर्ट सिम्पसन मैदान पर गेंद और बल्ले दोनों से कमाल के लिए जाने जाते थे। मैदान के बाहर उन्होंने कोच और कॉमेंटेटर की भी भूमिका शानदार अंदाज़ में निभाई। 1957-58 में ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल होने वाले इस ऑलराउंडर ने सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर अपने क्रिकेट करियर का आग़ाज़ किया था। 1977 में संन्यास लेने के क़रीब 10 साल बाद 41 वर्ष की उम्र में वापसी करते हुए रॉबर्ट सिम्पसन ने भारत के ख़िलाफ़ 176 रनों की पारी खेलते हुए एक रिकॉर्ड बना डाला। 28 जनवरी 1978 को इस 5 फ़िट 8 इंच लंबे ऑलराउंडर ने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा और एक शतक और लगाते हुए कप्तान के तौर पर 41 साल 359 दिन की उम्र की शतक लगाकर एक और कीर्तिमान अपने नाम किया। #1 मिस्बाह-उल-हक़ (पाकिस्तान) 42 साल, 47 दिन पाकिस्तान के मौजूदा टेस्ट कप्तान मिस्बाह-उल-हक़ के नाम बतौर कप्तान टेस्ट क्रिकेट सबसे ज़्यादा उम्रदराज़ खिलाड़ी के तौर पर शतक लगाने वाली टॉप-10 की फ़हरीस्त में 4 बार नाम शामिल है। अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए मिस्बाह ने 30 अक्टूबर 2014 को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 68 गेंदो में शतक लगाया और फिर उसी साल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भी 102 नाबाद रनों की पारी खेली। 22 अक्टूबर 2015 को 41 साल की उम्र की शतक लगाकर मिस्बाह ने आर्मस्ट्रॉंग और सिम्पसन के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। 42 साल के इस दाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 14 जुलाई 2016 को शतक लगाकर सबसे बुजुर्ग कप्तान के तौर पर शतक लगाने का रिकॉर्ड अब अपने नाम कर लिया। मिस्बाह के नाम इस रिकॉर्ड के अलावा टेस्ट क्रिकेट का सबसे तेज़ अर्धशतक और दूसरा सबसे तेज़ शतक भी है।