साल 2003 के विश्वकप में कप्तान सौरव गांगुली ने अनिल कुंबले को बाद के मैचों में अंतिम एकादश से बाहर बिठाये रखा। उस वक्त केन्या के कोच संदीप पाटिल ने कहा, “हमारे सभी बल्लेबाज कुंबले को सबसे बड़ा खतरा मानते थे।” लेकिन सेमीफाइनल में कुंबले के बाहर होने से उन्होंने राहत की सांस ली। हालांकि कुंबले ने पहले मैच में जहां बल्लेबाज़ असफल रहे थे, कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए भारत के कम स्कोर 204 को भी डिफेंड करने में मदद की थी। लेकिन कुंबले और जवागल श्रीनाथ ने मिलकर नीदरलैंड को 136 रन पर रोक दिया था। कुंबले ने 3.20 के इकॉनमी की मदद से 4 विकेट लिए थे। इससे इस महान खिलाड़ी के विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करने के बारे में पता चलता है।
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