एक बहस अक्सर टेस्ट क्रिकेट में सुनने को मिलती है कि क्या पहली दो पारियों में बनाए गए रन तीसरे और चौथे पारी के मुकाबले में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं? कुछ लोग मानते हैं पहली दो पारियों में बनाए गए रन ही टीम की जीत की नींव रखते हैं। जबकि सच्चाई ये है कि बाद में बल्लेबाजी करना अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। पिच टूट चुकी होती है और उस पर गेंदबाज खासकर स्पिन गेंदबाज कहर बरपाते हैं। वहीं असमतल उछाल तेज गेंदबाजों को भी मदद करते हैं। तो आज चर्चा ऐसे ही पांच बल्लेबाजी जोड़ी की जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में सर्वाधिक रन बनाए हैं।
#5 माइक अथर्टन और एलक स्टीवर्ट (इंग्लैंड, 868 रन)
16 पारी में 62 की शानदार औसत से 868 रन के लाजवाब आंकड़े इस बारे में पर्याप्त सबूत देते हैं कि माइक अथर्टन और एलेक स्टीवर्ट चौथी पारी में एक साथ बल्लेबाजी करने का खूब आनंद लेते थे। दोनों ने चौथी पारी में इंग्लैंड के लिए 2 शतकीय और 8 अर्धशतकीय साझेदारियां की हैं। इस जोड़ी की सबसे खास बात ये होती थी कि अथर्टन जहां डिफेंसिव बल्लेबाजी करते थे, वहीं स्टीवर्ट गेंदबाजों पर खासा आक्रामक रहते थे। अथर्टन और स्टीवर्ट के बीच चौथी पारी की सबसे बड़ी साझेदारी पाकिस्तान के खिलाफ 1996 में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर आई थी, जब इन दोनों ने वसीम अकरम और वकार यूनिस की खतरनाक जोड़ी के सामने दूसरे विकेट के लिए 154 रन जोड़े थे। हालांकि, लेग स्पिनर मुश्ताक अहमद ने बाद में घातक गेंदबाजी करते हुए दोनों बल्लेबाजों को आउट कर दिया। इसके बाद इंग्लैंड की टीम जल्दी ही ऑलआउट हो गई थी।
#4 मैथ्यू हेडन और जस्टिन लैंगर (ऑस्ट्रेलिया, 888 रन)
122 पारियों में 6081 रन, मैथ्यू हेडन और जस्टिन लैंगर की यह सलामी जोड़ी न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई बल्कि विश्व क्रिकेट की सबसे प्रभावशाली और सफल जोड़ियों में से एक है। टेस्ट मैचों के आखिरी पारी में इस जोड़ी ने 27 पारियों में 888 रन बनाए हैं। हालांकि इस दौरान 37 का औसत प्रभावी नहीं कहा जा सकता, लेकिन लैंगर के डिफेंस और हेडन की आक्रामकता का एक साथ सामना करना किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के लिए आसान नहीं था। हेडन और लैंगर की जोड़ी ने चौथी पारी में एक शतकीय और 7 अर्धशतकीय साझेदारियां की हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन में 2002 में इस जोड़ी ने 331 रनों के लक्ष्य का सामना करते हुए 102 रनों की शानदार साझेदारी निभाई थी। इस शानदार शुरूआत की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से यादगार जीत हासिल हुई थी।
#3 हाशिम अमला और ग्रीम स्मिथ (दक्षिण अफ़्रीका, 890 रन)
सीमित ओवरों के प्रारूप में भले ही दबाव के क्षणों में दक्षिण अफ्रीकी टीम बिखर जाती हो और उन्हें 'चोकर्स' कहा जाता है। लेकिन इसके विपरीत टेस्ट क्रिकेट में यही टीम दबाव के पलों में अपने खेल के स्तर को खासा ऊपर ले जाती है। 2012 में टेस्ट रैंकिंग में यह टीम शीर्ष पर पहुंची और इसका एक प्रमुख कारण था अफ्रीकी बल्लेबाजी क्रम का मजबूत होना। कप्तान ग्रीम स्मिथ और हाशिम अमला इस बल्लेबाजी लाइनअप के आधार स्तंभ थे। स्मिथ और अमला ना सिर्फ पहली तीन पारियों में बल्कि चौथी पारी में भी सर्वश्रेष्ठ थे। इन दोनों ने चौथी पारी के 15 पारियों में 63.57 की औसत से 890 रन बनाए, जिनमें 2 शतकीय और 2 अर्धशतकीय साझेदारी शामिल है। 2008 के पर्थ टेस्ट में इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 153 रन की साझेदारी की थी, जिसकी बदौलत दक्षिण अफ्रीका टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दूसरे सबसे सफल बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में क़ामयाब हुआ था।
#2 मैथ्यू हेडन और रिकी पॉन्टिंग (ऑस्ट्रेलिया, 973 रन)
हेडन और लैंगर की जोड़ी तो सर्वश्रेष्ठ थी लेकिन दिलचस्प बात यह है कि हेडन ने चौथे पारी में अपने कप्तान रिकी पॉन्टिंग के साथ मिलकर अधिक रन बनाए। इस आक्रामक ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी ने 74.84 की असाधारण औसत से चौथी पारी में 973 रन जोड़े। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि इस जोड़ी ने 18 पारियों में 4 शतकीय और इतनी ही अर्धशतकीय साझेदारियां भी की। इन दोनों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2006 सिडनी टेस्ट के दौरान सामने आया जब उन्होंने आक्रामक तरीके से सिर्फ 33.2 ओवरों में 182 रन जोड़कर अपनी टीम को जीत दिलाई थी।
#1 गार्डन ग्रिनीज और डेज़मंड हेंस (वेस्टइंडीज़, 1391 रन)
सर विवियन रिचर्ड्स और कप्तान क्लाइव लॉयड जैसे महान बल्लेबाजों और विश्व के सबसे घातक गेंदबाजी क्रम वाली टीम में गॉर्डन ग्रिनीज और डेज़मंड हेंस का भी योगदान कम नहीं था। वास्तव में इनकी संयुक्त मेहनत को इन महान खिलाड़ियों के सामने समान रूप से ही याद किया जाता है। एक डबल बैरल बंदूक की तरह ग्रीनिज और हेंस ने विश्व के सभी हिस्सों में अपना प्रदर्शन दिया और विश्व स्तरीय गेंदबाजी आक्रमण को धूल चटाई। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी सलामी जोड़ी ने इनसे अधिक रन नहीं बनाए हैं। इस जोड़ी ने 148 पारियों में 6482 रन बनाए हैं। इन 6482 रनों में 1391 रन चौथी पारी में आए थे। चौथी पारी में ग्रीनिज और हेंस का औसत 66.23 रहा। इन दोनों ने 30 पारियों में 4 शतकीय और 7 अर्धशतकीय साझेदारियां की। 1984 के गयाना टेस्ट में सिर्फ 61 ओवरों में इन दोनों ने नाबाद 250 रन की साझेदारी की और ऑस्ट्रेलियाई टीम को चौंका दिया। यह टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में पांचवीं सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है। लेखक – राम कुमार अनुवादक - सागर