लंबे कद के शब्बीर अहमद का गेंदबाजी एक्शन अपरंपरागत है। इसकी वजह से उन्हें पिच से अधिक उछाल मिलता था। वह पारी के अंतिम भाग में गेंद को अच्छे से रिवर्स स्विंग कराना जानते थे। अच्छे गुणों के कारण दाएं हाथ के तेज गेंदबाज को जल्द ही राष्ट्रीय टीम से खेलने का मौका मिला और वो संयुक्त रूप से सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले पाकिस्तानी गेंदबाज बने। उनकी क्षमता डेब्यू मैच में ही देखने को मिल गई थी, जब बांग्लादेश के खिलाफ कराची की बेजान पिच पर उन्होंने 8 विकेट लिए थे। शब्बीर ने पहली पारी में तीन जबकि दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाए थे। इसी वर्ष उन्होंने फैसलाबाद में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस करते हुए 6 विकेट चटकाए थे। 2003 में उन्होंने न्यूजीलैंड बल्लेबाजी को ध्वस्त करते हुए हैमिलटन में पांच विकेट लिए। वन-डे क्रिकेट में भी शब्बीर का प्रदर्शन प्रभावी रहा और उन्होंने अधिक रन खर्च नहीं किए। जब शब्बीर अपने चरम पर थे, तब उनके गेंदबाजी एक्शन को संधिग्ध माना गया। यहां से उनके करियर में गिरावट आने लगी। 2005 में उन पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगा और इसके बाद वो कभी वापसी नहीं कर सके। 2013 तक उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला, लेकिन अन्य तेज गेंदबाजों के चलते उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं हो सकी।