आक्रामक सोच और आकर्षक शॉट खेलने की वजह से इमरान फरहत ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। जब वो बल्लेबाजी कर रहे होते थे, तो फैन को अच्छे शॉट देखने की उम्मीद बनी होती थी। बाएं हाथ के बल्लेबाज को वन-डे के पॉवरप्ले के घातक बल्लेबाजों में से एक माना जाता था। हालांकि, डिफेंस करने की तकनीक से वो खेल के लंबे प्रारूप के लिए भी चुने गए। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2001 में टेस्ट डेब्यू में 63 र की पारी खेलने के बाद फरहत ने यासिर हमीद के साथ 2003 में चार शतकीय साझेदारियां की और ओपनर के रूप में अपनी जगह स्थायी कर ली। मगर जल्द ही यासिर हमीद के समान उनका भी अनिरंतर दौर शुरू हुआ और तकनीक में चूक के कारण उन्हें अपनी जगह खोना पड़ी। 2001 में डेब्यू के बाद से 2013 तक फरहत पाकिस्तान टीम में अंदर-बाहर होते रहे। उनके रहते हुए पाकिस्तान को कई भरोसेमंद विकल्प मिले। हालांकि, सलमान बट के उदय से पाकिस्तान के चयनकर्ताओं को फरहत का पर्याप्त विकल्प मिला। जब यह तय हो गया कि फरहत की राष्ट्रीय टीम में वापसी मुमकिन नहीं, तो 34 वर्ष की उम्र में उन्होंने 2016 में संन्यास की घोषणा कर दी।