सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बारे में कहा जाता था 'मैन विद द गोल्डेन आर्म'
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क्रिकेट में अक्सर देखा गया है कि वैसे बल्लेबाज़ जिन्होंने पूरी पारी में शानदार प्रदर्शन करते हुए बड़ा शतक लगाया हो, वह अपनी विकेट ज़ाया कर देते हैं। कई बार तो बल्लेबाज़ों की बड़ी पारियों का शिकार मुख्य गेंदबाज़ की जगह कोई काम चलाऊ गेंदबाज़ कर देता है।
वनडे क्रिकेट में ये बात और भी सटीक मालूम पड़ती है, जब बल्लेबाज़ों को किसी नए गेंदबाज़ को समझने का मौक़ा कम मिलता है।
आपके सामने ऐसे ही 5 पार्टटाइम गेंदबाज़ों की फ़ेहरिस्त हम रख रहे हैं, जिन्होंने बड़ी मछली का किया शिकार:
गेंदबाज़: विक्रम सोलंकीशिकार: सनथ जयसूर्या (152)
भारत के उदयपुर में जन्में विक्रम सोलंकी इंग्लैंड के लिए 50 से ज़्यादा मैचो में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ की भूमिका निभाई। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनमें निरंतरता की कमी थी, लिहाज़ा ज़्यादा समय तक टीम का हिस्सा नहीं रह पाए।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2006 में लीड्स में खेले गए वनडे मैच में सनथ जयसूर्या ज़बर्दस्त लय में नज़र आ रहे थे। 323 रनों का पीछा करते हुए जयसूर्या ने श्रीलंका को बेहतरीन आग़ाज़ दिलाया और ताबड़तोड़ शतक लगाते हुए बाएं हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज़ ने मेज़बान टीम को बैकफ़ुट पर ला दिया था।
इंग्लिश कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने आक्रमण पर काम चलाऊ गेंदबाज़ विक्रम सोलांकी को बुलाया, और अपनी मीडियम पेस गेंदो से सोलंकी ने 152 रनों के स्कोर पर जयसूर्या को अपना शिकार बना लिया। सोलंकी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की ये इकलौती विकेट थी।