दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट ने 1992 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करके कई उतार-चढ़ाव देखे। मगर एक ऐसा व्यक्ति है, जिसका अफ्रीकी क्रिकेट हमेशा शुक्रगुजार रहेगा। वह है केप्लर वेसल्स जिन्होंने टीम का नेतृत्व किया। वेसल्स ने 34 की उम्र में प्रोटीज टीम का 1992 विश्व कप में नेतृत्व किया। संन्यास के बाद वेसल्स ने कोचिंग की ओर रुख कर लिया और काउंटी क्रिकेट में सक्रिय रहे, जहां उन्होंने नॉर्थहेम्पटनशायर का जिम्मा संभाला। 2008 में उन्हें चेन्नई सुपर कींग्स ने अपना प्रमुख कोच बनाया। जिस टीम में दिग्गज नाम शामिल थे, उस टीम को वेसल्स ने अच्छे से संभाला और टीम को ख़िताब के करीब पहुंचाया। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल में वह राजस्थान रॉयल्स से मात खा बैठी।
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