वर्तमान भारतीय कप्तान की आदत हो गयी है एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाना। पिछले कुछ सालों में विराट कोहली ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने खुद को अपने समय के महान बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया। एल्गर की तरह ही कोहली भी अंडर-19 विश्वकप (2008) से ही सुर्खियों में आये थे। उन्हें एकदिवसीय मैचों में तो उसी साल पदार्पण का मौका मिला लेकिन उन्हें पहला टेस्ट खेलने में 3 साल का समय लग गया। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट के शुरुआती दिनों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। उन्होंने 21.27 की औसत से सिर्फ 234 रन बनाये लेकिन पर्थ में 44 और 75 का स्कोर और एडिलेड में 116 का स्कोर बनाकर, उन्होंने जल्द ही टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। वह तब से जबरदस्त खेल का प्रदर्शन पर रहे हैं और वर्तमान में वह तीनों प्रारूपों में 50 से अधिक औसत बनाने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। टेस्ट क्रिकेट में पहले उनके खेल में निरंतरता की कमी थी, लेकिन अब वह टेस्ट क्रिकेट में भी लगातार रन बना रहे हैं और आये दिन शतकीय पारियां खेल रहे हैं। कोहली ने पिछले 10 बार जब भी 50 रन का आंकड़ा पार किया है, वह 8 मौकों पर 100 से ऊपर गए हैं और उन 8 मौकों में से 5 मौकों पर उन्होंने 200 का आंकड़ा पार किया है। वहीं अभी तक अपने करियर में कोहली ने 33 मौकों पर 50+ का स्कोर बनाया है जिसमें वह 19 मौकों पर शतकीय पारी खेली है। इस तरह उनका कन्वर्ज़न रेट 57.58% है।