IPL 2018: अगले सीज़न में दिल्ली डेयरडेविल्स इन 5 खिलाड़ियों को दिखा सकती है बाहर का रास्ता

इंडियन प्रीमियर लीग 2018 दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए किसी बुरे सपने के समान रहा। इस सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम अपने 14 लीग मुकाबलों में सिर्फ 5 मैचों में ही जीत हासिल कर पाई। इसके अलावा 9 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपने टूर्नामेंट का अंत अंकतालिक में 10 अंकों के साथ आखिरी पायदान पर रहते हुए किया। साल 2018 के आईपीएल सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स के कई बड़े खिलाड़ी अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। यह तो बस ऋषभ पंत थे जिनकी पारियों ने टीम को शर्मिंदा होने से बचा लिया। ऐसे में अब दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम को अगले सीजन के लिए कुछ खिलाड़ियों से किनारा कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं उन पांच खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स के जरिए अगले सीजन में अपने साथ शामिल नहीं करना चाहिए।

#5 गौतम गंभीर

कई कप्तानों में अपनी कप्तानी खुद से छोड़ देने की हिम्मत नहीं होती है लेकिन इस आईपीएल सीजन गौतम गंभीर ने दिल्ली डेयरडेविल्स की खराब के शुरुआत के बाद कुछ ऐसा ही कदम उठाया था और खुद दिल्ली की कप्तानी छोड़ दी थी। गौतम गंभीर को इस आईपीएल सीजन के शुरू होने से पहले तक दिल्ली डेयरडेविल्स को पहला आईपीएल खिताब जीताने वाले कप्तान के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन हालात वैसे नहीं रह पाए जैसा सोचा था। दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए गौतम गंभीर न तो कप्तानी में कमाल दिखा पाए और न ही उनकी बल्लेबाजी में दम देखने को मिला। गौतम गंभीर ने इस सीजन में 96.5 की स्ट्राइक रेट से छह मुकाबलों में 85 रन बनाए। इसके बाद श्रेयस अय्यर को दिल्ली की कमान सौंपी गई, जिसमें टीम के खिलाड़ियों ने कुछ बेहतर प्रदर्शन किया। ऐसे मे अब अलगे सीजन के लिए दिल्ली के जरिए गौतम गंभीर से दूरी बना लेना ही सही होगा।

# 4 लियाम प्लंकेट

इंग्लैंड के तेज गेंदबाज लियाम प्लंकेट को दिल्ली के जरिए घायल कगिसो रबाडा की जगह टीम में शामिल किया गया था। लियाम प्लंकेट ने शुरुआत काफी अच्छी की थी और पहले ही मुकाबले में 17 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे। हालांकि, उनका फॉर्म जल्द ही बिगड़ गया और उन्होंने टूर्नामेंट के बाकि खेले गए मैचों में 1 ही विकेट हासिल किया। इसके साथ ही उन्होंने आखिर में टूर्नामेंट का अंत 7 मैचों में 4 विकेट के साथ किया। दिल्ली ने वास्तव में इस सीजन में रबाडा की अनुपस्थिति महसूस की। ऐसे में अगले सीजन में उनकी वापसी के साथ ही टीम को लीम से अलग हो चाहिए।

#3 डैन क्रिश्चियन

यह काफी आश्चर्य की बात थी कि 2018 की आईपीएल नीलामी में डैन क्रिश्चियन को दिल्ली डेयरडेविल्स के जरिए 1.5 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा गया, जबकि भारतीय परिस्थितियों के लिहाज से डैन क्रिस्चियन अनुकूल खिलाड़ी नहीं माने जाते हैं। हालांकि लीग में डैन क्रिश्चियन का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। उन्होंने इस लीग में दिल्ली के चार मुकाबले खेलते हुए 78 की स्ट्राइक रेट से महज 26 रन ही बनाए। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 8 की इकॉनोमी रेट से चार विकेट हासिल किए। डैन क्रिश्चियन के पास गेंद पर लंबा शॉट खेलने की क्षमता नहीं है और इसका मतलब है कि उनकी ऑलराउंडर के रूप में प्रभावशीलता कम हो गई है। ऐसे में डैन क्रिश्चियन को दिल्ली के जरिए अगले सीजन में साथ नहीं रखना चाहिए।

#2 जूनियर डाला

आईपीएल सीजन 2018 में दिल्ली की उम्मीदों को तब और झटका लगा जब टूर्नामेंट के बीच में ही चोट के कारण क्रिस मॉरिस को बाहर होना पड़ा। क्रिस मॉरिस की जगह दिल्ली की टीम में जूनियर डाला को मौका दिया गया, जबकि डाला मॉरिस के जैसे बल्ले से प्रभावकारी नहीं थे। डाला दक्षिण अफ्रीकी घरेलू मैचों में डेथ ओवर में गेंदबाजी करने के विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्ध है, जो कि तेज यॉर्कर डालने में माहिर हैं। डाला ने इस साल शुरुआत में टी20 सीरीज में भारत के खिलाफ भी शानदार गेंदबाजी से प्रभावित किया था लेकिन वो अपना कमाल आईपीएल में दिल्ली की टीम के लिए नहीं दिखा पाए। डाला ने इस सीजन दिल्ली के लिए सिर्फ एक मुकाबला खेला और इस मैच में उन्होंने 3 ओवर में 34 रन देकर 1 विकेट हासिल किया। हालांकि मॉरिस की अगले सीजन में वापसी की संभावना है, जिस कारण डाला को टीम से बाहर कर दिया जाएगा।

#1 मोहम्मद शमी

इंडियन प्रीमियर लीग 2018 की नीलामी प्रक्रिया में दिल्ली डेयरडेविल्स के जरिए मोहम्मद शमी को आरटीएम कार्ड के इस्तेमाल से 3 करोड़ रुपये में वापस खरीदा गया था, लेकिन मोहम्मद शमी उस प्राइज टैग को साबित करने में नाकाम रहे। वहीं आईपीएल सीजन 2018 की शुरुआत से पहले मोहम्मद शमी घरेलू विवाद में भी उलझ गए थे, जिसका सीधा असर उनके प्रदर्शन पर भी देखने को मिला। इस सीजन में खेलते हुए मोहम्मद शमी ने 4 मैचों में 3 विकेट हासिल किए। इसके अलावा उन्होंने 10 रन प्रति ओवर की दर से रन लुटाए, जो कि एक प्रमुख कारण था कि दिल्ली ने शुरुआत में मैच जीतने के लिए काफी संघर्ष किया। शामी वास्तव में कभी भी सीमित ओवरों के गेंदबाज नहीं रहे हैं, इसलिए यह आश्चर्य की बात थी कि दिल्ली ने उन्हें वापस खरीद लिया था। ऐसे में अब अगले सीजन के लिए दिल्ली का मोहम्मद शमी के साथ बने रहने की संभावना कम है। लेखक: प्रथिक आर अनुवादक: हिमांशु कोठारी