80 के दशक के श्रीकांत बगैर किसी शक के बेहतरीन भारतीय बल्लेबाज़ थे। श्रीकांत मैदान पर आक्रमण करने के इरादे से आते थे। उन्होंने अपने समय के बेहतरीन गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस नहस कर दिया था। जिसमें वेस्टइंडीज भी आती थी। वह शार्ट बॉल को भी बखूबी खेलते थे। वह सहवाग की तरह स्टेडियम में भीड़ जुटा सकते थे। उनके हाथ बड़ी तेजी से चलते थे और उनका हैंड आई कोआर्डिनेशन गजब का था। ऐसे में वह इस टी-20 लीग में आक्रमक सलामी बल्लेबाजों में शामिल होते। लेखक: अयुष शाह, अनुवादक: मनोज तिवारी
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