5 भारतीय एकदिवसीय खिलाड़ी जिन्हें टी20 टीम में नहीं होना चाहिए

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क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में खिलाड़ियों से कुछ अलग करने की उम्मीद रहती है और यही हार-जीत का फैसला करता है। पर कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो एकदिवसीय मैचों में तो काफी जबरदस्त प्रदर्शन करते हैं लेकिन टी20 में उनका प्रदर्शन उस दर्जे का नहीं रहता है। इसलिए चयनकर्ताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इन खिलाड़ियों को टी20 टीम में शामिल ना किया जाये। आईपीएल शुरू होने के बाद से भारत ने कई टी20 विशेषज्ञ खिलाड़ी देखे हैं और वह भारतीय टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन भी कर चुके हैं। पर, कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिनका खेल टी20 के लायक नहीं है या वो खेल के इस प्रारूप में खुल कर अपना प्रदर्शन नहीं दे पा रहे हैं। आज हम ऐसे ही 5 भारतीय खिलाड़ियों की बात करेंगे जो एकदिवसीय क्रिकेट में तो काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन टी20 में में नहीं कर पा रहे हैं #5. अजिंक्य रहाणे हाल के वर्षों में रहाणे भारतीय टीम के सबसे अच्छे बल्लेबाजों में एक रहे हैं और टेस्ट मैचों में टीम के उपकप्तान भी हैं। कुछ समय पहले तक रहाणे तीनों ही प्रारूपों में टीम का हिस्सा थे लेकिन अब टीम प्रबंधन को लगने लगा है कि रहाणे के खेलने का तरीका टी20 लायक नहीं है। शुरुआत में रहाणे पिच पर जमने के लिए कुछ गेंद लेते हैं और लगातार चौके-छक्के मारना उनके खेलने के तरीके में शामिल नहीं है। जिस खेल में टीम के पास सिर्फ 120 गेंदें हों आप उस खेल में ऐसे बल्लेबाज को खिलाने की जोखिम नहीं उठा सकते हैं। 2016 टी20 विश्वकप में औसत प्रदर्शन के बाद ही उनके स्थान पर सवाल उठने लगे थे। टी20 मैचों में रहाणे को अब तभी भारतीय टीम में मौका मिल सकता है जब वह अपने खेल को टी20 लायक बना लेंगे। #4. केदार जाधव 61215616 अपने ऑल राउंड खेल से पिछले एक साल से एकदिवसीय मैचों में भारतीय टीम का अहम हिस्सा बन चुके जाधव टी20 मैचों में टीम के लिए कुछ खास नहीं कर पाए हैं। मध्यक्रम में नीचे आकर वो एकदिवसीय मैचों में तो छाप छोड़ चुके हैं लेकिन टी20 में जाधव ऐसा करने में असफल हो रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें बल्लेबाजी का ज्यादा मौका ही नहीं मिल पाता और अभी खेले अपने 9 मैचों में जाधव को मात्र 3 बार बल्लेबाजी का मौका मिला है। पिछले साल ज़िम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने अर्धशतक जमाया था, उसके अलावा पिछले सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुवाहाटी में उन्होंने 27 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा जाधव की फील्डिंग भी टी20 लायक नहीं है और उन्हें गेंदबाजी भी नहीं मिलती। इस तरह जाधव के पास टी20 मैचों में टीम को देने के लिए कुछ खास नहीं है इसलिए अब खेल के छोटे प्रारूप में उन्हें जगह मिलना मुश्किल ही दिखता है। #3. मोहम्मद शमी imgmohammed-shami-india-world-t20-2016 2015 विश्वकप तक मोहम्मद शमी भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज थे लेकिन लगातार चोट के कारण अब उनका टीम में जगह बनाना भी मुश्किल दिख रहा है, खास कर सीमित ओवरों के खेल में। चोट से उबरने के बाद से उनका प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा है जैसा 2015 विश्वकप तक था। उस समय शमी टीम को लगातार सफलता दिलाते थे वैसा करने में अब वो असफल हो रहे हैं। शमी ने भारत के लिए अंतिम टी20 मैच इसी साल जुलाई में खेला था लेकिन उसके बाद से उन्हें दोबारा टीम में जगह नहीं मिली। हालांकि वो टेस्ट टीम का हिस्सा बने हुये हैं और अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं। 7 टी20 मैचों में 10.56 की इकोनॉमी रेट होने के बाद अब शमी को टीम में जगह मिलना मुश्किल ही दिखता है। शमी ने खुद कहा है कि उन्हें अभी थोड़ा समय लगेगा। कुल मिलाकर शमी काफी अच्छे गेंदबाज हैं और इसलिए उनका इस्तेमाल एकदिवसीय और टेस्ट मैचों करते रहना चाहिए क्योंकि टी20 मैचों में गलती की काफी कम गुंजाइश होती है। #2. उमेश यादव umesh-1454674642-800 उमेश यादव के लिए ऐसा बोलना किसी हद तक सही नहीं होगा लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना जरुरी है कि उन्होंने भारत के लिए अभी तक मात्र एक टी20 मैच खेला है और भविष्य में भी टीम में उनका स्थान बनता नहीं दिख रहा। हार्दिक पांड्या के तीसरे गेंदबाज के रूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन और युवा मोहम्मद सिराज को टीम में जगह मिलने से यह साफ हो जाता है कि उमेश के लिए टी20 टीम में जगह नहीं है। अगर एकदिवसीय मैचों की बात करें तो आज भी अगर बुमराह और भुवनेश्वर में से कोई खेलने के लिए उपस्थित नहीं रहता है तो उमेश यादव को ही उनकी जगह मौका मिलेगा। दूसरी तरफ पिछले डेढ़ सालों में उमेश टेस्ट मैचों भारतीय टीम के सबसे प्रमुख तेज गेंदबाज बनकर उभरे हैं इसलिए अब टी20 में उन्हें जगह मिलना मुश्किल ही है। #1. दिनेश कार्तिक [caption id="attachment_157749" align="alignnone" width="759"]India's Dinesh Karthik changes a glove during a T20I against West Indies at Sabina Park cricket ground in Kingston, Jamaica, Sunday, July 9, 2017. (AP Photo/Ricardo Mazalan) लगभग 11 साल पहले भारत ने जब अपना पहला टी20 मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था उस मैच में कार्तिक 28 गेंदों में 33 रन बनाकर 'मैन ऑफ द मैच' रहे थे लेकिन उनके बाद उन्हें सिर्फ 9 मैचों में ही मौका मिल पाया। जहां उन्होंने अभी तक कोई अर्धशतक नहीं बनाया है और उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 126.49 ही है। घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के दम पर एकदिवसीय टीम में जगह बनाने के बाबजूद टी20 मैचों में जगह पाना कार्तिक के लिए काफी मुश्किल दिखता है।[/caption] केएल राहुल और मनीष पांडे जैसे बल्लेबाजों में टीम प्रबंधन भविष्य देख रही है और अब श्रेयस अय्यर को टीम में जगह मिलने से यह साफ हो गया है कि टीम प्रबंधन टी20 में नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहती है। कार्तिक अभी 32 वर्ष के हैं और वो अब ज्यादा समय तक नहीं खेल पाएंगे और अगर धोनी अभी संन्यास लेते हैं तभी उन्हें मौका मिल सकता है। इसके अलावा उन्हें सिर्फ एकदिवसीय मैचों में ही जगह मिल पायेगा। लेखक- सोहम समद्दार अनुवादक- ऋषिकेश सिंह