2015 विश्वकप तक मोहम्मद शमी भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज थे लेकिन लगातार चोट के कारण अब उनका टीम में जगह बनाना भी मुश्किल दिख रहा है, खास कर सीमित ओवरों के खेल में। चोट से उबरने के बाद से उनका प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा है जैसा 2015 विश्वकप तक था। उस समय शमी टीम को लगातार सफलता दिलाते थे वैसा करने में अब वो असफल हो रहे हैं। शमी ने भारत के लिए अंतिम टी20 मैच इसी साल जुलाई में खेला था लेकिन उसके बाद से उन्हें दोबारा टीम में जगह नहीं मिली। हालांकि वो टेस्ट टीम का हिस्सा बने हुये हैं और अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं। 7 टी20 मैचों में 10.56 की इकोनॉमी रेट होने के बाद अब शमी को टीम में जगह मिलना मुश्किल ही दिखता है। शमी ने खुद कहा है कि उन्हें अभी थोड़ा समय लगेगा। कुल मिलाकर शमी काफी अच्छे गेंदबाज हैं और इसलिए उनका इस्तेमाल एकदिवसीय और टेस्ट मैचों करते रहना चाहिए क्योंकि टी20 मैचों में गलती की काफी कम गुंजाइश होती है।