5 खिलाड़ी जिन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया जाना चाहिए

KULDEEP

अपने घर में लगभग हर टीम को धूल चटाने के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम 18 महीने बाद विदेशी दौरे पर जा रही है। भारतीय टीम इस बार 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 टी20 मैचों की सीरीज खेलने दक्षिण अफ्रीका जा रही है। टेस्ट मैचों की नंबर-1 टीम के पास मौका होगा कि वह विदेशों में भी जीत दर्ज कर अपनी बादशाहत साबित करे और इसके लिए टीम की संरचना सही रखने की जरूरत है क्योंकि पिछले कुछ समय से विदेशों में भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। इसलिए यहाँ चयनकर्ताओं की भूमिका काफी अहम हो जाती है क्योंकि उनके ऐसे खिलाड़ियों का चयन करना है जो मुश्किल परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत की तरफ ले जाएं। हो सकता है चयनकर्ता सोमवार को टीम की घोषणा करें, ऐसे में यहां 5 उन खिलाड़ियों के बारे में आपको बता रहे हैं जिन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में जगह मिलनी चाहिए: #5 कुलदीप यादव बायें हाथ के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत काफी शानदार थी लेकिन टीम के नियमित सदस्य रविचन्द्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा की वजह से उन्हें बाहर बैठना पड़ रहा है। चयनकर्ताओं को उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में शामिल करना चाहिए क्योंकि वो दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर टीम के एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं। कुलदीप अभी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नए हैं और ऐसे में वो दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के खिलाफ काफी कारगर साबित हो सकते हैं। #4 पार्थिव पटेल PATEL इस छोटे कद के विकेटकीपर ने भारतीय क्रिकेट टीम में पिछले घरेलू सत्र में शानदार वापसी करते हुए अपनी छाप छोड़ी थी। रणजी ट्रॉफी के इस सत्र में पार्थिव काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, इसलिए दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए वो बैकअप विकेटकीपर के सबसे अच्छे विकल्प होंगे। इसके साथ ही वो किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं और उनके बेबाक होकर खेलने का तरीका विपक्षी टीम से मैच दूर ले जा सकता है। खासकर उन पिचों पर जहां गेंद थोड़ी बहुत हरकत कर रही हो। इन सब के अलावा पार्थिव के पास काफी अनुभव भी है और उनके पास कप्तानी की क्षमता भी है जो कोहली के लिए मैदान पर काफी मददगार साबित हो सकती है। #3 विजय शंकर VIJAY SHANKAR तमिलनाडु के इस युवा ऑलराउंडर को श्रीलंका के खिलाफ हुए दूसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम में शामिल किया गया। हालांकि, उन्हें एकादश में मौका नहीं मिला क्योंकि टीम 6 प्रमुख बल्लेबाजों के साथ उतरी। इसके बावजूद शंकर को दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में शामिल करना चाहिए क्योंकि गेंद और बल्ले दोनों से एक जैसा खेल दिखा सकते हैं और दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाजों की मददगार पिचों में वो टीम को संतुलन भी प्रदान करेंगे। हालांकि, हार्दिक पांड्या टीम की पहली पसंद रहेंगे फिर भी विजय शंकर को टीम के साथ ले जाना चाहिए क्योंकि अगर कोई भी खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसके स्थान पर वो सबसे अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं। #2 श्रेयस अय्यर IYER मुम्बई के इस युवा बल्लेबाज को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी20 मैच में भारत के लिए पदार्पण करने का मौका मिला लेकिन वो मूल रूप से टेस्ट मैचों के बल्लेबाज हैं। अय्यर पिछले तीन सत्रों से शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और भारतीय टेस्ट टीम में जगह पाने के सबसे बड़े हकदार हैं। उन्होंने भारत 'ए' के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर काफी रन बनाए थे और अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया था। वो भारत को छठे क्रम पर बल्लेबाज के रूप में एक और विकल्प दे सकते हैं और यह भारतीय टीम और चयनकर्ताओं दोनों के लिए काफी अच्छा होगा क्योंकि जब एक ही जगह के लिए दो बल्लेबाजों में प्रतिस्पर्धा होती है तो दोनों अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं। यह टीम के नजरिये से काफी फायदेमंद रहेगा क्योंकि काफी समय से टीम को एक ऐसे बल्लेबाज की तलाश है जो नंबर-6 पर आकर लगातार रन बनाए। #1 जसप्रीत बुमराह BUMRAH हालिया समय का सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है कि क्या जसप्रीत बुमराह को टेस्ट टीम में शामिल किया जाना चाहिये। बुमराह, जिन्होंने सीमित ओवरों के खेल में अपने आप को एक मैच जिताऊ खिलाड़ी के रूप में साबित किया है, उन्हें टेस्ट टीम में शामिल करने को लेकर काफी बातें चल रही है। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज और पूर्व कप्तान रिंकी पॉन्टिंग ने बुमराह के बारे में कहा "अगर आप बुमराह की गेंदबाजी की कला को देखें और उन्होंने पिछले दो सालों में जिस तह का प्रदर्शन किया है, वह बताता है कि वह टेस्ट मैचों के लिए तैयार हैं। उनके पास सबकुछ है, गेंदबाजी एक्शन दूसरों से अलग है, अच्छी गति है और वो नई गेंद को हवा में स्विंग करा सकते हैं।" अपने अलग तरह के एक्शन और अच्छी गति की मदद से बुमराह दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर उनके ही बल्लेबाजों के सामने काफी कारगर साबित हो सकते हैं।

लेखक: मनीष पाठक
अनुवादक: ऋषिकेश