आईपीएल की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। इसमें हर साल आठ फ्रैंचाइजियों के बीच मुकाबले होते हैं। हर साल ये टीमें बिलकुल ही नए अंदाज में नजर आती हैं। खिलाड़ियों की नीलामी के जरीये उन्हें टीमें खरीदती हैं। इनमें कुछ खिलाड़ियों ने खुद को साबित करके अपनी टीम के अभिन्न अंग बन गये। वहीं कुछ को टीमों ने छोड़ भी दिया। आईपीएल जैसी प्रोफेशनल क्रिकेट लीग में खिलाड़ियों को अपनी टीम में प्रदर्शन के आधार पर ही उन्हें मौके मिलते हैं। लेकिन कई खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं जो अपनी नई टीम से जुड़ते ही बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं और वह अपनी पूर्व टीम के खिलाफ भी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो होते हैं। यहाँ ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में आपको बता रहे हैं, जिन्होंने अपनी पूर्व टीम को पछताने के लिए मजबूर किया है। नोट: एडम गिलक्रिस्ट, रोहित शर्मा, प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह जैसे खिलाड़ियों को इस लिस्ट में इसलिए जगह नहीं मिली है क्योंकि इन्होने तब दूसरी टीम की है जब इनकी पूर्व फ्रैंचाइज़ी टीम निष्क्रिय हो गयी थी।
गौतम गंभीर
बाएं हाथ का ये सलामी बल्लेबाज़ केकेआर के लिए बतौर कप्तान और ओपनर काफी बेशकीमती खिलाड़ी है। गंभीर ने आईपीएल में अपने करियर की शुरुआत दिल्ली डेयरडेविल्स से किया था। एक सीजन में वह टीम के कप्तान भी रहे। गंभीर पहले तीन साल दिल्ली के लिए तकरीबन एक हजार से ज्यादा रन बनाये थे। हालाँकि साल 2011 में दिल्ली ने उन्हें रिटेन नहीं किया और केकेआर ने उन्हें खरीद लिया। केकेआर ने उन्हें अपनी टीम का कप्तान भी बना दिया। गंभीर के नेतृत्व में केकेआर ने साल 2012 और 2014 में टीम को खिताबी जीत भी दिलाई। 34 साल के इस क्रिकेटर ने केकेआर के लिए 1829 रन बनाये हैं, जिसमें उनके 20 अर्धशतक शामिल हैं। इसके साथ ही गंभीर आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की श्रेणी में तीसरे स्थान पर हैं जहाँ उनका नम्बर रैना और रोहित के बाद आता है। दिल्ली मूल के इस खिलाड़ी को उनकी होम फ्रैंचाइज़ी ने उन्हें नजरंदाज कर दिया और आज भी खिताब के लिए आशा लगाये हैं। वहीं गंभीर तीन कप्तानों में से एक हैं जिन्होंने आईपीएल का ख़िताब दो बार जीता है।
क्रिस गेल
वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ जो इस वक्त दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक हैं। साथ ही वह आरसीबी के मुख्य बल्लेबाज़ी हथियार हैं। गेल जो आईपीएल में पहले तीन सीजन में केकेआर की तरफ थे। वह साल 2008 में चोटिल होने की वजह से एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। लेकिन केकेआर की तरफ से दो सीजन में मिलाकर 16 मैचों में गेल ने 400 से ज्यादा रन बनाये थे। साल 2011 में गेल को आरसीबी ने खरीदा और तब से वह अभी तक टीम के अभिन्न अंग की तरह जुड़े हुए हैं। आरसीबी के लिए अपने डेब्यू सीजन में गेल ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाये थे। उन्हें ऑरेंज कैप भी मिला था। गेल आरसीबी की तरफ से खेलते हुए 68 मैचों में 2737 रन बनाये हैं। जहाँ उनका औसत तकरीबन 45 का रहा है और स्ट्राइक रेट 150 से अधिक का रहा है। वह आईपीएल इतिहास के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें दो ऑरेंज कैप मिला है। केकेआर के खिलाफ डेब्यू मैच में गेल ने मात्र 55 गेंदों पर 102 रन बनाये थे। जिसमें 10 चौके और 7 छक्के उन्होंने लगाये थे। ये केकेआर के लिए सबसे बड़ा रिग्रेट माना जा सकता है।
एबी डिविलियर्स
दक्षिण अफ्रीका के इस आक्रामक बल्लेबाज़ को आज की पीढ़ी का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ माना जाता है। वह इस समय आईपीएल में आरसीबी के लिए खेल रहे हैं। साथ ही वह टीम के सबसे उम्दा बल्लेबाजों में आते हैं। आईपीएल में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के खेलना शुरू किया था। साथ ही वह दिल्ली के साथ 3 सीजन तक जुड़े थे। उन्होंने दिल्ली के लिए 28 मैचों में 671 रन बनाये थे। और आरसीबी ने उन्हें साल 2011 में खरीद लिया। आरसीबी की तरफ से खेलते हुए डिविलियर्स टीम के स्टार परफ़ॉर्मर हैं। उन्होंने आरसीबी के लिए खेलते हुए 150 के स्ट्राइक रेट और 40 के औसत से 2036 रन बनाये हैं। इस दौरान उन्होंने 14 पचासे भी जड़े हैं। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि दिल्ली थिंक टैंक ने डिविलियर्स को रिलीज़ करके सबसे बड़ी गलती की थी।
जैक्स कालिस
दक्षिण अफीका के दिग्गज आलराउंडर जैक्स कालिस बीते कई सालों से कोलकाता की सफलता के सबसे बड़े प्रेरणास्रोत रहे हैं। साल 2014 में उन्होंने सन्यास ले लिया था। वह इस वक्त केकेआर के हेड कोच हैं। आईपीएल में अपने करियर की शुरुआत कालिस ने आरसीबी की तरफ से किया था। जहाँ वह टीम के साथ 3 सीजन तक जुड़े रहे। उन्होंने 42 मैचों में 824 रन बनाये और 23 विकेट भी लिए थे। साल 2011 में वह कोलकाता की तरफ जब आये तो 2014 तक 56 मैच खेलते हुए 1603 रन और 52 विकेट लिए। इस दौरान उनका बल्लेबाज़ी औसत 25 और स्ट्राइक रेट 100 का रहा। कालिस साल 2012 और 2014 में केकेआर की सफलता के अहम सूत्रधार रहे थे।
युसूफ पठान
बिग हिटर आलराउंडर युसूफ पठान गेंद को पूरी ताकत के साथ सीमा पार पहुंचाते हैं। वह केकेआर के महत्वपूर्ण अंग हैं। साथ ही वह कई सालों से टीम की बल्लेबाज़ी को गहराई देते आ रहे हैं। बड़ौदा के इस क्रिकेटर ने आईपीएल में साल 2008 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलना शुरू किया था। जहाँ उनकी टीम चैंपियन बनी थी। वह आरआर के लिए साल 2011 तक खेले थे। जहाँ उन्होंने 43 मैचों से 1011 रन बनाये थे। साथ ही 20 विकेट भी उन्हें मिला था। साल 2011 में वह केकेआर से जुड़े और अभी भी टीम के अहम अंग हैं। जहाँ उन्होंने 20 के औसत और 140 के स्ट्राइक रेट से 1413 रन बनाये हैं। साथ ही उन्होंने 21 विकेट भी लिए हैं। वह आईपीएल के उन चुनिन्दा खिलाड़ियों में से एक हैं जिनके नाम 3 आईपीएल ख़िताब का तमगा लगा है। लेखक-सैकत, अनुवादक-मनोज तिवारी