आईपीएल का दसवां सीजन चल रहा है। पिछले एक दशक में हमने कई बार चैंपियन खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन देखा। आईपीएल में सिर्फ दो खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने पूरे दस सीजन एक ही टीम के लिए खेला। जबिक बाकी सभी खिलाड़ियों की टीमें बदलती रही। अब हम आपको बताने जा रहे हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारे में जिनके टीम बदलने से प्रदर्शन में काफी निखार आया। रॉबिन उथप्पा ( पुणे वॉरियर्स इंडिया से कोलकाता नाइट राइडर्स) रॉबिन उथप्पा ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत मुंबई इंडियंस के साथ की। हालांकि उथप्पा के करियर में बदलाव रॉयल चैलेंजर बैंगलोर से जुड़ने के बाद आया। उथप्पा दो साल तक बैंगलोर का हिस्सा था। उस समय आरसीबी ने आईपीएल तो नहीं जीता, लेकिन उथप्पा टीम के लिए एक विस्फोटक बल्लेबाज की अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते रहे। 2011 में उथप्पा पुणे वॉरियर्स इंडिया से जुड़े। टीम का प्रदर्शन भले ही आईपीएल में खराब रहा लेकिन उथप्पा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। उथप्पा ने 46 मैचों में 1103 रन बनाए। उसके बाद 2014 में उथप्पा कोलकाता नाइट राइजर्स से जुड़े। इसके बाद से इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने हर सीजन में कम से कम 200 रन जरूर बनाए। इतना ही नहीं 2014 आईपीएल में उथप्पा ने ऑरेंज कैप पर भी कब्जा जमाया था। 2014 आईपीएल में उथप्पा ने 600 रन बनाए थे, जिसकी बदौलत उनकी टीम इंडिया में भी वापसी हुई थी और सीजन दस में उथप्पा ने बल्ले से खूब दमखम दिखाया। पुणे वॉरियर्स इंडिय (2011-2013): 46 मैच, 1103 रन कोलकाता नाइट राइडर्स (2014 से अबतक): 60 मैच, 2012 रन क्रिस गेल (केकेआर से आरसीबी में गए ) जमैका के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से आईपीएल के पहले तीन सीजन खेले थे, लेकिन कोलकाता के लिए खेलते हुए गेल उस लय में नजर नहीं आए, जिसके लिए वो जाने जाते हैं। 2011 में गेल को रॉयल चैलेंजर बैंगलोर की ओर से खेलने का मौका मिला और बैंगलोर के लिए खेलते हुए गेल ने बता दिया कि वो छोटे फॉर्मेट के सबसे बड़े बल्लेबाज हैं। आरसीबी के लिए अपने पहले ही मैच में 37 साल के क्रिस गेल ने तूफानी शतक जड़ा और टीम को बड़ी जीत दिलाई। इसके बाद 2013 सीजन में भी गेल का बल्ला जमकर गरजा। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ निजी स्कोर बनाया। गेल ने 2013 में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ ये करिश्मा किया था। हालांकि 2011 और 2016 में आईपीएल फाइनलिस्ट रहने के बाद भी बैंगलोर की टीम कभी भी आईपीएल चैंपियन नहीं बन पाई और आईपीएल का दसवां सीजन तो आरसीबी के लिए सबसे खराब रहा। क्रिस गेल, विराट कोहली और ए बी डिविलियर्स जैसे सितारों से सजी ये टीम प्वाइंटस टेबल में आखिरी नंबर पर रही। उसने अपने 14 में से सिर्फ 3 मुकाबले जीते। जाहिर तौर पर गेल आईपीएल 2017 को कभी भी याद नहीं रखना चाहेंगे। कोलकाता नाइट राइडर्स (2008 से 2010): मैच: 16,रन-463 रॉयल चैलेंजर बैंगलोर (2011 से अभीतक ): 90 मैच, 3372 रन ड्वेन ब्रावो (मुंबई इंडियंस से चेन्नई सुपर किंग्स) ड्वेन ब्रावो को मुंबई इंडियंस ने 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में अपने साथ जोड़ा था और उसके बाद से ब्रावो ने मुंबई के लिए अगले तीन सीजन तक खेला। इसके बाद 2011 के आईपीएल ऑक्शन में इस ऑलराउंड को चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में शामिल किया और चेन्नई के लिए ब्रावो उसके सबसे अहम खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार हुए। पहले ही सीजन में ब्रावो के शानदार योगदान के दमपर चेन्नई की टीम आईपीएल चैंपियन बनने में कामयाब रही। अपने खेल के साथ साथ ब्रावो फैंस का अपने डांस से भी खूब मनोरंजन किया। 2011 के अगले सीजन तक ब्रावो चेन्नई के लिए हरफनमौला प्रदर्शन करते रहे। इसके 2016 में ब्रावो आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात लॉयंस से जुड़े। मुंबई इंडियंस (2008 से 2010): 30 मैच, 457 रन, 30 विकेट चेन्नई सुपर किंग्स (2011 से 2015): 75 मैच, 982 रन, 93 विकेट डेविड वॉर्नर(दिल्ली डेयरडेविल्स से सनराइजर्स हैदराबाद में) इस ऑस्ट्रेलियाई ओपनर ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ की थी। वॉर्नर 4 साल तक दिल्ली की टीम का हिस्सा रहे। दिल्ली की ओर से खेलते हुए उनका प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा। इसके बाद 2013 में वो उत्तर भारत से दक्षिण भारत शिफ्ट हो गए। वॉर्नर हैदराबाद की टीम से जुड़े। हैदराबाद में शामिल होने के बाद ना सिर्फ वॉर्नर की बल्लेबाजी में निखार आया बल्कि उनकी लीडरशिप क्वालिटी को भी जमकर सराहा गया। 2016 आईपीएल में वॉर्नर की कप्तानी में सनराइजर्स हैदराबाद ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आईपीएल इतिहास में पहला खिताब अपने नाम किया था। दिल्ली डेयरडेविल्स (2009-2012): 57 मैच, 1456 रन सनराइजर्स हैदराबाद (2013 से अबतक): 57 मैच, 2473 रन गौतम गंभीर (दिल्ली डेयरडेविल्स से कोलकाता नाइट राइजर्स) दिल्ली के लिए गौतम गंभीर 3 साल तक खेले और इस दौरान उनका प्रदर्शन भी अच्छा रहा। गंभीर टॉप ऑर्डर में वीरेंद्र सहवाग के साथ टीम को अच्छी शुरुआत दिलाते। 2011 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने गौतम गंभीर को अपने साथ जोड़ा और उनका ये फैसला पूरी तरह से सही साबित हुआ। गंभीर की कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स दो बार आईपीएल चैंपियन बन चुकी है। गंभीर ने हमेशा अपनी टीम को फ्रंट से लीड करते हुए साथी खिलाड़ियों के लिए उदाहरण भी पेश किया है। आईपीएल दस में कोलाकाता नाइट राइडर्स एलिमिनेटर मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद को 7 विकेट से हराकर क्वालीफायर दो तक का सफर तय चुकी है और सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इस बार हम गंभीर को तीसरी बार आईपीएल ट्रॉफी का उठाते हुए देख सकते हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स (2008 से 2010): 44 मैच, 1115 रन कोलकाता नाइट राइडर्स (2011 से अबतक ): 119 मैच, 3280 रन