28 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम दूसरी बार विश्व विजेता बनी। कप्तान एमएस धोनी ने विजयी छक्का लगाकर 1.2 अरब लोगों को जश्न मनाने का मौका दिया। यह 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया का विदाई तोहफा था। उस टीम में सभी खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेठ प्रदर्शन किया था। विश्व कप 2011 में भाग लेने वाले उन 15 खिलाड़ियों में से कुछ तो क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन कुछ अभी भी टीम में खेल रहे हैं। कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो विश्व विजेता टीम के सदस्य थे लेकिन फिलहाल वह टीम से बाहर हैं और दोबारा टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इस लेख में, हम उन पांच खिलाड़ियों पर नज़र डालेंगे जो भारत की विश्व कप 2011 जीतने वाली टीम का हिस्सा थे लेकिन पिछले कुछ सालों से टीम से बाहर हैं:
यूसुफ पठान
पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक टी-20 विश्व कप 2007 के फाइनल से अपने अंतराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले यूसुफ पठान ने 2012 के बाद से भारत के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। दाएं हाथ के बल्लेबाज यूसुफ जो ऑफ-स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं, ने भारत के लिए 57 एकदिवसीय और 22 टी-20 मैच खेले हैं। उन्होंने विश्वकप 2011 में सभी छह ग्रुप स्टेज मैचों में शिरकरत की थी लेकिन उनके खराब प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें नॉकआउट पड़ाव में टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
वर्तमान में यूसूफ अपनी घरेलू टीम बड़ौदा के लिए खेलते हैं और हाल ही में इंडिया 'ए' टीम के लिए उन्होंने बांग्लादेश का दौरा किया था। फिलहाल वह घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पीयूष चावला
उत्तर प्रदेश के लेग स्पिनर पीयूष चावला उन बदकिस्मत क्रिकेटरों में से हैं, जिनको एक बढ़िया घरेलू रिकॉर्ड होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। चावला ने विश्वकप 2011 में केवल तीन मैच खेले और चार विकेट अपने नाम किये थे। विश्व कप में नीदरलैंडस के खिलाफ तीसरा मैच उनका भारतीय टीम में अंतिम वनडे मैच था। फिर भी राष्ट्रीय टीम से बाहर होने के बाद उन्होंने घरेलू स्तर पर निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है।
29 वर्षीय पीयूष चावला 6 मैचों में 32 विकेट लेकर पिछले साल रणजी ट्रॉफी में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे थे।
हरभजन सिंह
भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक, हरभजन सिंह ने 2016 से भारतीय टीम के लिए कोई मैच नहीं खेला है। 'टर्बनेटर', हरभजन सिंह ने 90 के दशक के आखिर में अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी और अभी तक क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है। उन्होंने अभी तक 417 टेस्ट और 269 वनडे विकेट लिए हैं।
भज्जी ने विश्व कप 2011 में नौ मैचों में सिर्फ नौ विकेट लिए थे। हालांकि उसके बाद उन्होंने वापसी की लेकिन गिरती फिटनेस और खराब फॉर्म की वजह से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा।
गौतम गंभीर
विश्वकप 2011 में जीत के नायक रहे गौतम गंभीर ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने टेस्ट में 4154, वनडे में 5238 और टी-20 में 932 रन बनाए हैं।अर्जुन पुरस्कार विजेता गंभीर ने 6 वनडे मैचों में भारत का नेतृत्व किया और सभी मैचों में भारत को जीत दिलाई। इसके अलावा आईपीएल में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है।
36 वर्षीय बल्लेबाज़ ने अभी तक क्रिकेट से संन्यास की घोषणा नहीं की है। बहुत से लोग यह मानते हैं कि उनमें अब भी काफी क्रिकेट बची है और वह टीम में वापसी कर सकते हैं।
युवराज सिंह
विश्वकप 2011 में 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' रहे युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट में कुल 362 रन बनाए और 15 विकेट लिए थे। भारत को विश्व विजेता बनाने में उनका योगदान बेहद अहम रहा था। 36 वर्षीय युवी ने जून 2017 में भारत के लिए अपना आखिरी वनडे खेला था।
इस साल आईपीएल में भी युवराज का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा लेकिन फिर भी वह टीम में वापसी करने का माद्दा रखते हैं।