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हफीज को पहले भी कप्तान के रूप में आजमाया जा चुका है, लेकिन उनके नेतृत्व में परिणाम अच्छे नहीं रहे, जिसकी वजह से उन्हें इस पद से हाथ धोना पड़ गया। हालांकि, उन्हें अंतरिम तौर पर कप्तान के रूप में दोबारा नियुक्त किया जा सकता है बिलकुल वैसे ही, जैसे महेला जयवर्धने को श्रीलंका के लिए नियुक्त किया गया था। हफीज के पास अनुभव, टेम्परामेंट और टीम का नेतृत्व करने का कौशल मौजूद है। इसे देखते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड उन्हें दो-तीन वर्षों के लिए दोबारा मौका दे सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान वह युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाकर उन्हें लंबे समय के लिए तैयार कर सकते हैं। क्या चयनकर्ता इस प्रक्रिया को अपनाकर हफीज की कप्तान के रूप में वापसी कराएंगे??
Edited by Staff Editor