एमएस धोनी की तुलना में विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 5 खिलाड़ी

कुछ ही खेल हैं जिनमें एक कप्तान की तेज़ बुद्धि और आक्रमकता ज़्यादा मायने रखती है। वहीं फुटबॉल और बास्केटबाल जैसे कुछ अन्य खेल हैं जिनमें प्रबंधकों पर यह ज़िम्मेवारी होती है कि कैसे मैच को नियंत्रण करना है और खिलाड़ियों को कब तब्दील करना है। हालांकि, क्रिकेट में एक कप्तान की बहुत अहमियत होती है जो खिलाड़ियों को सही दिशा-निर्देश देकर अच्छा प्रदर्शन करवा सकता है। वर्तमान में भारतीय टीम में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने धोनी की कप्तानी की अपेक्षा विराट कोहली की कप्तानी में ज़्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि उनमें से अधिकतर खिलाड़ियों ने धोनी की कप्तानी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन युवा कोहली की कप्तानी में उनके प्रदर्शन का स्तर और भी ऊँचा हुआ है। तो आइये नज़र डालते हैं ऐसे पांच खिलाडियों पर:

शिखर धवन

बाएं हाथ के बल्लेबाज ने धोनी के नेतृत्व के तहत टेस्ट और वनडे में अपना पदार्पण किया था। उन्होंने मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक से अपने वनडे करियर का आगाज़ किया था। टेस्ट क्रिकेट में धोनी की कप्तानी में खेलते हुए, धवन ने 12 मैचों में दो शतकों के साथ 64 की औसत से 789 रन बनाए हैं लेकिन कोहली की कप्तानी में उनका प्रदर्शन ज़्यादा अच्छा रहा है। कोहली के नेतृत्व में खेले 17 मैचों में उन्होंने 68 की औसत के साथ 1257 रन बनाए हैं जिसमें चार शतक शामिल हैं। मुख्य अंतर शतकों की संख्या का है। जहां धोनी के नेतृत्व में धवन ने हमेशा औसतन पचास और साठ का स्कोर किया है वहीं कोहली की कप्तानी में वह इस स्कोर को बड़े स्कोर में तब्दील करने में सफल हुए हैं। 2018 की दूसरे छमाही में भारत के विदेशी दौरों में यदि भारत को जीत दर्ज करनी है तो धवन का सलामी बल्लेबाज़ के रूप में बढ़िया प्रदर्शन बहुत मायने रखता है। इसके अलावा आगामी मैचों में अगर धवन अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हैं तो यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ सीज़न होगा।

मोहम्मद शमी

भारत के तेज गेंदबाज, मोहम्मद शमी जिन्होंने 2013 में धोनी की कप्तानी में अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी, उन्होंने विराट कोहली के नेतृत्व में बेहतर प्रदर्शन किया है। शमी ने धोनी की कप्तानी में 10 टेस्ट खेले और 36.63 की औसत से 38 विकेट लिए हैं और उन्हें 59.5 की स्ट्राइक रेट से रन पड़े हैं जबकि कोहली की कप्तानी में खेले 20 टेस्ट मैचों में उन्होंने 24.83 औसत से 72 विकेट लिए हैं और उन्हें सिर्फ 46.8 की स्ट्राइक रेट से रन पड़े हैं। दरअसल, अब शमी ने नई और पुरानी गेंद दोनों के साथ अपनी स्विंग पर बेहतर नियंत्रण विकसित कर लिया है। इस साल की शुरुआत में जोहान्सबर्ग टेस्ट के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ़्रीकी लाइन-अप को अपनी स्विंग और सटीक गेंदबाज़ी से तहस-नहस कर दिया था। इसके अलावा टेस्ट में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए, शमी इंग्लैंड के ख़िलाफ टेस्ट सीरीज़ में भारत के बेहद अहम खिलाड़ी होंगे।

उमेश यादव

उमेश यादव का नाम जब भी ज़ेहन में आता है, हमारी आँखों के सामने वह परिदृश्य सामने आता है जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे में पर्थ में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज़ रिकी पॉन्टिंग का मिडिल-स्टंप उखाड़ा था। ऐसी उम्मीद थी कि धोनी के नेतृत्व में वह ऐसा ही प्रदर्शन जारी रखेंगे, लेकिन ऐसा हो न सका। आंकड़ों की बात करें तो उमेश यादव ने धोनी की कप्तानी में खेले 10 टेस्ट मैचों में 31.14 की औसत से 40 विकेट लिए और उनका स्ट्राइक रेट 45.7 का रहा है, लेकिन वहीं कोहली के नेतृत्व में उन्होंने 24 मैचों में 39.44 की औसत से 52 विकेट लिए हैं पर यहां उनकी स्ट्राइक रेट 71.7 की रही है। कोहली के नेतृत्व में वह ज़्यादा नियंत्रण और सटीकता से गेबदबाज़ी कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में उनकी गेंदबाज़ी में पैनापन आया है और उन्होंने अपनी इकोनॉमी रेट में भी सुधार किया है। धोनी की कप्तानी में उनका गेंदबाज़ी इकोनॉमी रेट 4.08 था जबकि वर्तमान कप्तान कोहली के नेतृत्व में उनका गेंदबाज़ी इकोनॉमी रेट 3.29 हो गया है, यह दर्शाता है कि जब उन्हें विकेट नहीं मिलता तो अपनी कसी हुई गेंदबाज़ी से वह विपक्षी बल्लेबाज़ों को गलत शॉट खेलने के लिए मजबूर करते हैं जिससे उन्हें अपना विकेट गंवाना पड़ता है। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टेस्ट में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा अगले साल होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए उनका इस साल का प्रदर्शन बहुत महत्वपूर्ण होगा।

रविंद्र जडेजा

रविंद्र जडेजा के टेस्ट करियर को दो कप्तानों के काल-खंड में विभाजित किया जा सकता है। भारत के पूर्व कप्तान धोनी की कप्तानी के तहत, उन्होंने घरेलू और विदेशी पिचों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। धोनी के नेतृत्व में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले भारतीय स्पिनर ने तीनों प्रारूपों में गेंदबाज़ी की है। रविचंद्रन आश्विन के साथ उनकी जोड़ी ने भारत को 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी का ख़िताब जिताने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। दुनिया भर की विभिन्न सतहों पर उन्होंने गेंदबाजी कर काफी अनुभव प्राप्त किया है और कोहली की कप्तानी में अब वह एक स्ट्राइक गेंदबाज हैं। आंकड़ों की बात करें तो जडेजा ने धोनी की कप्तानी में खेले 12 टेस्ट मैचों में 30.37 की औसत से 45 विकेट लिए हैं जबकि तुलनात्मक रूप से, कोहली के नेतृत्व में बेहतर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 21.28 की औसत से 116 विकेट हासिल किये हैं। जहां उनकी गेंदबाज़ी में सुधार आया है, वहीं बल्लेबाज़ी में भी उन्होंने कई बार उपयोगी पारियां खेली हैं। अगर इग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज़ में उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया जाता है, तो उनके पास मौका होगा कि वह टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन कर भारत के सीमित ओवरों की टीम में भी वापसी कर सकें।

रविचंद्रन अश्विन

शायद इस सूची में सबसे बेहतर क्रिकेटर, रविचंद्रन अश्विन ने भी विराट कोहली की कप्तानी में अच्छा प्रदर्शन किया है। हालाँकि धोनी की कप्तानी में आश्विन ने कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। धोनी की कप्तानी में अश्विन ने 22 टेस्ट मैच खेले हैं और 28.77 की औसत से 109 विकेट लिए हैं, वहीं विराट कोहली की कप्तानी में उन्होंने 33 मैचों में 23.13 की औसत से 193 विकेट लिए हैं। जडेजा की ही तरह, अश्विन ने भी बल्लेबाजों को अपनी स्पिन के जाल में उलझाकर विकेट लिए हैं। पहले की अपेक्षा अब वह ज़्यादा सटीक और नियंत्रण से गेंदबाज़ी कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने बल्ले से भी उपयोगी पारियां खेली हैं। लेखक: शंकर नारायण अनुवादक:आशीष कुमार

Edited by Staff Editor
App download animated image Get the free App now