आईपीएल का 10वां संस्करण शुरू होने में अब कुछ ही समय बचा है। इस टूर्नामेंट के इतिहास में झांके तो पाएंगे कि कई खिलाड़ियों ने अपनी टीम के लिए अहम भूमिका अदा की और बाद में उन्हें इस प्रदर्शन का ईनाम भी मिला। कुछ खिलाड़ी इतने भाग्यशाली रहे कि जिस टीम की तरफ से खेलते थे बाद में उसी टीम के कोच बन गए। चलिए ऐसे पांच खिलाड़ियों पर गौर करते हैं, जिन्होंने एक टीम का प्रतिनिधित्व किया और बाद में उसी टीम के कोच पद की जिम्मेदारी संभाली :
5- लक्ष्मीपति बालाजी
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज लक्ष्मीपित बालाजी ने आईपीएल में अपने करियर की शुरूआत चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से की थी। बालाजी आईपीएल में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज भी बने थे। तीन सीजन तक चेन्नई सुपर किंग्स के साथ बने रहने के बाद वो कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ चले गए। जहां वो नाइटराइडर्स के मुख्य तेज गेंदबाज बने। 2012 में पहली बार कोलकाता नाइटराइडर्स ने आईपीएल में खिताबी जीत दर्ज की थी, लेकिन बालाजी आईपीएल के फाइनल मुकाबले में हिस्सा नहीं ले पाए थे। जीत के बाद पोस्ट मैच प्रेजन्टेशन में कोलकाता के कप्तान गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा तारीफ बालाजी के बारे में की और इस जीत को भी बालाजी के नाम डेडीकेट किया। इसके बाद बालाजी ईस्ट से नॉर्थ में गए, जहां उन्होंने आखिरी बार अपने रिटायरमेंट से पहले किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेला। इसके बाद उन्होंने वसीम अकरम के साथ मिलकर कोलकाता नाइटराइडर्स के बॉलिंग कोच की भूमिका निभाई। #4 डेनियल विटोरी 2011 में न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर डेनियन विटोरी रॉयल चैलेंजर टीम का हिस्सा बने। साथ ही इसी सीजन में उन्हें टीम की कमान भी सौंपी गई। आरसीबी के साथ दो सीजन खेलने के बाद 2014 में विटोरी को टीम का हेड कोच बनाया गया। विराट कोहली टीम के कप्तान बने और आरसीबी उस सीजन में 7वें नंबर पर रही। हालांकि इसके बाद अगले सीजन में आरसीबी ने जबरदस्त वापसी करते हुए प्लेऑफ में जगह बनाई। जहां प्लेऑफ मुकाबले में उसे चेन्नई सुपर किंग्स से हार का सामना करना पडा, लेकिन ये वो साल था जब विटोरी ने कोहली के साथ मिलकर बेंगलौर की टीम को पूरी तरह से बदल दिया। विटोरी ने बतौर कोच बैंगलोर की टीम में ऐसा जोश भरा कि 2016 सीजन में आरसीबी ने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। 2016 आईपीएल में बैंगलोर की टीम दूसरे नंबर पर रही। फाइनल में हुए कड़े मुकाबले में उसे सनराइजर्स हैदराबाद के हाथों हार सामना करना पड़ा। 3- जैक्स कैलिस
जब आईपीएल शुरू हुआ था तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि जैक्स कैलिस को टी 20 फॉर्मेट में जगह मिलेगी। आलोचक कुछ हदतक पहले सीजन में सही भी साबित हुए, जब रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के लिए खेलते हुए उन्हें काफी संघर्ष करना पडा।
हालांकि इसके बाद अगले सीजन में उन्होंने अपने खेल में सुधार किया और 2011 में उन्हें कोलकाता नाइटराइडर्स ने खरीदा। 2012 आईपीएल फाइनल में कैलिस ने कोलकाता के लिए अहम पारी खेली। उन्होंने फाइनल में अर्धशतकीय पारी खेली और कोलकाता को चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया।
इसके बाद 2015 में जैक कैलिस ट्रेवर बेलिस की जगह कोलकाता के कोच नियुक्त किए गए। बेलिस पिछले 4 सालों ने कोलकाता के मुख्य कोच की भूमिका निभा रहे थे।
कैलिस साल 2011 से खिलाड़ी के रूप में केकेआर से जुड़े रहे और उसके बाद बल्लेबाजी सलाहकार और मेंटर बने। कैलिस ने 2012 और 2014 में टीम को दो आईपीएल खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
2- रिकी पोंटिंगऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग 2008 में कोलकाता नाइटराइडर्स से जुड़े थे। इसके बाद 2013 में उन्होंने मुंबई इंडियंस का हाथ थामा। पोंटिंग ने मुंबई इंडियंस के लिए सचिन तेंदुलकर के साथ पारी की शुरूआत की। हालांकि सचिन और पोंटिंग को जोड़ी मुंबई इंडियंस को जमी नहीं और दोनों बल्लेबाज मिलकर टीम के टॉप ऑर्डर को अच्छी शुरुआत दिलाने में नाकाम रहे। जिसके बाद पोंटिंग की जगह टॉप ऑर्डर में ड्वेन स्मिथ पर भरोसा दिखाया गया। ड्वेन स्मिथ अपने प्रदर्शन के दमपर इस भरोसे पर खरे भी उतरे। इसके बाद 2014 में मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन के बाद जॉन राइट को हटाकर रिकी पोंटिंग को 2015 आईपीएल सीजन के लिए टीम का हेड कोच बनाया गया। 2015 आईपीएल सीजन में एक समय शुरुआती मुकाबलों में हार के बाद मुंबई की टीम ऐसी स्थिति में पहुंच गई थी, जहां से उसे नॉकआउट में पहुंचने के लिए हर मैच में जीत दर्ज करनी थी। ऐसे में पोंटिंग ने खिलाड़ियों में वो जज्बा भरा जिनकी उसे सबसे ज्यादा जरूरत थी और इसके बाद मुंबई की टीम ने लगातार ना सिर्फ 10 मैच जीतकर ना सिर्फ नॉकआउट में जगह बनाई बल्कि मुंबई आईपीएल चैंपियन भी बनी। खासकर रिकी पोंटिंग ने रोहित शर्मा को एक बेहतर कप्तान बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है। हालांकि पिछले साल पोंटिंग को हटाकर महेला जयवर्धने को टीम का नया हेड कोच बनाया गया था। 5- स्टीफन फ्लेमिंग
स्टीफन फ्लेमिंग आईपीएल के पहले सीजन में 2008 में बतौर खिलाड़ी सीएसके की ओर से खेलते नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने 10 मैचों में 118 के स्ट्राइक रेट से 196 रन बनाए थे। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 45 रन रहा था।
साल 2009 में उनके संन्यास लेने के बाद उन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स का कोच नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपनी अगुआई में धोनी के कप्तान रहते हुए चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार 2010 और 2014 में आईपीएल चैंपियन और एक बार चैपिंयंस लीग में खिताबी जीत दिलाने में मदद की है।
2016 में चेन्नई सुपर किंग्स के आईपीएल से हटने के बाद स्टीफन फ्लेमिंग पुणे सुपरजायंट्स के हेड कोट बने।