आईसीसी रैंकिंग के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ भारतीय गेंदबाज होने के बावजूद न तो चैंपियन्स ट्रॉफी में और न ही वेस्टइंडीज के साथ वनडे सीरीज में पटेल को जगह दी गई। 30 मैचों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी इस लेफ्ट आर्म स्पिनर को टीम में स्थाई जगह नहीं मिल पाई है। 30 मैचों में 4.5 से कम के इकॉनमी रेट के साथ अक्षर पटेल ने यह साबित कर दिखाया है कि जब भी उन्हें मौका दिया गया है, उन्होंने खुद को साबित किया है। साथ ही, बल्लेबाजी के निचले क्रम में वह बड़े हिटर भी साबित हुए हैं। इसके बाद भी उनका टीम का हिस्सा न होना आश्चर्यजनक होगा। महज 23 वर्षीय युवा अक्षर के पास अभी पर्याप्त समय है और यह सिर्फ समय का खेल है कि उन्हें टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन स्पिन-बॉलर ऑलराउंडर के तौर पर खुद को साबित करने का उचित मौका मिले।