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सौरव गांगुली की सिर्फ एक बात पर ही आलोचना की जा सकती है। वह टेस्ट क्रिकेट में अपनी क्षमता के हिसाब से नहीं खेल पाए थे। लेकिन सीमित ओवर के खेल में गांगुली बतौर कप्तान और बल्लेबाज़ काफी आक्रामक खिलाड़ी थे। वनडे में वह भारत के बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। गांगुली मध्यम गति के गेंदबाज़ भी थे और कई बार वह गेंद से काफी उपयोगी साबित हुए हैं। हालाँकि वह कोई बहुत तेज गेंदबाज़ नहीं थे, लेकिन आज के जमाने की सारी तरकीबें उन्हें आती थीं। वनडे में उन्होंने 100 विकेट और 11 हजार रन बनाये थे। गांगुली ने जब क्रिकेट को अलविदा कहा तब उन्होंने 311 मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने 41 के औसत से 11,363 रन और 100 विकेट लिए थे।
Edited by Staff Editor