भारत और श्रीलंका के बीच चल रही 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में श्रीलंका को टीम इंडिया के हाथों बुरी हार का सामना करना पड़ा। श्रीलंका की टीम ने 304 रन से पहला टेस्ट मैच गंवा दिया। इस हार के बाद श्रीलंकाई टीम को कुछ घायल खिलाड़ियों की कमी बेहद महसूस हुई और जैसे पहले से ही श्रीलंकाई टीम पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। अब ऐसे में मेजबान टीम के लिए सबसे बड़ी चिंता उसके प्रमुख खिलाड़ियों का घायल होना है। इसके अलावा टीम का सेलेक्शन भी कुछ अजीब ही रहा। आईये बात करते हैं उन पांच खिलाड़ियों की, जिनकी कमी इस मुश्किल समय में श्रीलंकाई टीम को सबसे ज्यादा खल रही होगी। कुसल परेरा यह 26 वर्षीय विकेटकीपर बैट्समैन चैंपियन ट्रॉफी 2017 में भारत के खिलाफ लगी चोट से अभी तक उभर नहीं पाया है। उस मैच में 322 रन का पीछा करते हुए, परेरा ने 44-बॉल 47 बनाए और असहनीय दर्द की वजह से रिटार हर्ट हो गये। हालांकि उस मैच में श्रीलंका को जीत हासिल हुई लेकिन परेरा अभी तक हैमस्टिंग की चोट से उबरने में सफल नहीं हुए है। कलुबोविला के जन्मे बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने श्रीलंका के लिए अबतक 10 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 31.38 के औसत से 565 रन बनाए हैं। भारत के खिलाफ श्रीलंका के मध्य क्रम की कमजोरी तब उभर कर सामने आयी जब दानुस्का गुनाथिलका, कुसल मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज और दिलरुवन परेरा ने दूसरी पारी के दौरान क्रमशः केवल 2, 36, 2 और 21 रन बनाये और ऐसा मौके पर कुसल परेरा की अनुपस्थिति को काफी महसूस किया गया। सुरंगा लकमल
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज को बैक में ऐंठन के कारण भारत के खिलाफ श्रृंखला से बाहर होना पड़ा। 30 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत के खिलाफ गॉल में पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका गंवा दिया जिस वजह से मेजबान टीम ने लाहिरू कुमार और नुवान प्रदीप के रूप में दो सीमर को खिलाने का विकल्प चुना। रिपोर्ट के अनुसार, यह खिलाड़ी जिम्बॉबे सीरीज के दौरान से बैक पेन की समस्या से जूझ रहा है। सुरंगा ने अबतक श्रीलंका की तरफ से कुल 37 मैच खेले हैं जिसमें 82 बल्लेबाजों को आउट किया है। इस खिलाड़ी ने ना सिर्फ बॉल बल्कि बैट से भी कमाल दिखाया और अबतक 411 रन बनाए हैं। अनुभव और अच्छे रिकॉर्ड के साथ, वह भारत के खिलाफ सीरीज में तेज गेंदबाजों को लीड कर सकते थे। एसेला गुनारत्ने
बल्लेबाजी ऑलराउंडर एसेला गुणारत्ने को भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के पहले दिन की सुबह अपनी उंगली में चोट लगने के कारण बाहर होना पड़ा, अब इस खिलाड़ी लगभग 2 महीने तक खेल से दूर रहना होगा। जिम्बाब्वे के खिलाफ एक टेस्ट की दूसरी पारी में 31 वर्षीय खिलाड़ी ने नाबाद 80 रन बनाकर श्रीलंका को चार विकेट से जीत दिलायी थी और उन्हें इस मैच के लिए मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। मध्यक्रम के बल्लेबाज को अपनी उंगली को चोट के ऑपरेशन के लिए कोलम्बो पहुंचाया गया। लाहिरू कुमार की गेंद पर शिखर धवन का कैच पकड़ने के कोशिश के चलते एसेला चोट का शिकार हुए हालांकि वह कैच नहीं पकड़ पाए। कैच छूटने के बाद भारतीय सलामी बल्लेबाज शतक बनाने में सफल रहा था। एसेला ने अक्टूबर 2016 में अपना डेब्यू किया और अबतक 6 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। जिसमें उन्होंने 455 रन बनाएं हैं और 3 विकेट भी चटकाए हैं। धमिका प्रसाद
प्रसाद के अनुभव और उपलब्धियों के कारण वह संकट के समय श्रीलंका के लिए उपयोगी हो सकते थे। 2015 में लीसेस्टरशायर के खिलाफ खेलते हुए अपने कंधे में चोट लग गयी थी। जिसके बाद से अभी तक वह पूरी तरह फिटनेस हासिल नहीं कर पाए हैं। 34 वर्षीय खिलाड़ी जिसने 25 टेस्ट मैच में 35.97 की औसत से 75 विकेट चटकाए हैं, जो बॉल को दोनों ही तरफ स्विंग कराने में महारत हासिल किए हुए हैं। उनकी निरंतर अनुपस्थिति श्रीलंका के लिए एक महत्वपूर्ण झटका रही है। प्रसाद वर्ष 2015 से टीम के महत्वपूर्ण तेज गेंदबाज थे, जिसके दौरान उन्होंने 24.95 के औसत से 41 विकेट लिए थे। दशमांथा चमीरा
25 वर्षीय खिलाड़ी ने आखिरी बार दिसंबर 2016 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय टेस्ट खेली थी, जिस दौरान बैक में फैक्चर हो जाने के कारण लगभग सात महीनों बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की। चमीरा को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ एक दिवसीय टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया, लेकिन वह अंतिम एकादश में शामिल नहीं हो सके। लंबे खिलाड़ियों के लिए बाउंसर उनका प्राथमिक हथियार है। एक ऐसा हथियार है जिसका फायदा उन्होंने 2015 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई सीरीज में जमकर उठाया। जिसमें उन्होंने 47 पर 5 और 68 पर 4 विकेट अपने नाम दर्ज किए। चमीरा की गति सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के लिए खतरा साबित हो सकती है और ये बात उनके आकंड़े सिद्ध करते हैं। चमीरा ने 6 टेस्ट के अपने छोटे से करियर में 22 विकेट लिए हैं। लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि तेज गेंदबाज इस श्रृंखला का हिस्सा क्यों नहीं है।