
मुथैया मुरलीधरन क्रिकेट खेल के दिग्गज स्पिनर रहे हैं। 90 के दशक में श्रीलंकाई क्रिकेट के उदय में मुरली का अहम स्थान था। मुरली श्रीलंकाई टीम के ऐसे हथियार थे, जो बल्लेबाजों पर कभी भी कहर बरपा सकता था। विश्व क्रिकेट में सटीक “दूसरा” के लिए भी मुरली को लोग याद करते हैं। दुनिया भर के बल्लेबाज़ मुरली को सबसे कठिन गेंदबाज़ मानते रहे हैं। इसके अलावा मुरलीधरन एक बेहतरीन इन्सान भी थे। जिसने क्रिकेट को जेंटलमैन का खेल बनाये रखा इसी वजह से वह युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श भी हैं। मुरलीधरन ने अपने पूरे करियर में 1300 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं। टेस्ट और वनडे में आज भी उनका नाम सबसे ऊपर दर्ज है। दुर्भाग्यवश श्रीलंका को मुरलीधरन जैसा दूसरा गेंदबाज़ आज तक नहीं मिला है। अजन्ता मेंडिस ने शुरू में अपना प्रभाव छोड़ा था, लेकिन बाद में उनकी धार कुंद हो गयी। उसके बाद सूरज रंडीव, सचित्र सेनानायके और दिलरुवान परेरा जैसे गेंदबाज़ टीम में आये लेकिन निरन्तरता में कमी के चलते ये स्पिनर ज्यादा दिन बल्लेबाज़ के सामने संकट नहीं खड़ा कर सके। श्रीलंका को छोटे फॉर्मेट में आज भी एक अदद बढ़िया स्पिनर की दरकार है।