जब भी किसी टीम का चुनाव होता है तो कुछ खिलाड़ी निराश होते है तो कई खिलाड़ियों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं होता। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे और टी20 सीरीज़ के लिए जब सलेक्शन कमिटी ने इंडियन टीम की घोषणा की तब भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। कुछ खिलाड़ी टीम में जगह बनाने में भाग्यशाली रहे तो कुछ को निराशा हाथ लगी।
युवराज सिंह, जिन्होंने 2013 के बाद से कोई अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच नहीं खेला, उन्होंने वनडे और टी20 दोनों ही फॉर्मेट के लिए टीम में वापसी की जबकि आक्रमक बल्लेबाज़ सुरेश रैना जिन्होंने हाल में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में बेहतरीन प्रदर्शन किया, उन्हें केवल टी20 सीरीज़ के लिए ही चुना गया। रैना वनडे सीरीज़ के लिए टीम में जगह नहीं बना पाए।
वनडे और टी20 के लिए महेन्द्र सिंह धोनी के कप्तानी छोड़ने के ऐलान के बाद सलेक्शन कमिटी ने दोनों फॉर्मेट के लिए विराट कोहली को कप्तान बनाने की औपचारिक घोषणा भी की। हालांकि रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा दोनों को वनडे और टी20 की टीम में शामिल किया गया लेकिन कुछ खिलाड़ी दुर्भाग्यशाली भी रहे।
आइये उन पांच दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों पर नज़र डालते है जो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे और टी20 सीरीज़ के लिए टीम इंडिया में जगह नहीं बना पाए:
#1 दीपक हुडा
वनडे और टी20 की कप्तानी छोड़ने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि धोनी अब चौथे नंबर पर खेलेंगे और इशकी वज़ह से मैच फ़िनिशर वाली जगह ख़ाली हो जाएगी। जिसकी के लिए सुरेश रैना और युवराज सिंह तो टीम में जगह बनाने में तो कामयाब हो गए लेकिन दीपक हुडा को निराशा हाथ लगी।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दीपक का औसत 50 और लिस्ट-A क्रिकेट में 40 से उपर का है और इसके अवाला दीपक गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते है। जिसकी बदौलत अगर हुडा टीम का हिस्सा बनते तो टीम इंडिया से एक और प्रतिभावान खिलाड़ी जुड़ जाता। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए वह अपने को मैच फ़िनिशर के रूप में ख़ुद कई बार साबित कर चुके है। हालांकि दीपक अभी 21 साल के ही है सो आशा की जाती है कि जल्द ही वह किसी और देश के ख़िलाफ़ टीम इंडिया के लिए खेलेंगे।
टीम सलेक्टर्स ने जेहन में आ गया है कि हुडा लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे है। पिछले साल रणजी में उन्होंने 70 की औसत से क़रीब 800 रन भी बनाए और वह अच्छे फॉर्म में भी है। लेकिन युवराज और रैना की तुलना में कम अनुभव होने की वज़ह से टीम में जगह नहीं बना पाए।
#2 धवल कुलकर्णी
भारत अगर क्रिकेट के किसी हिस्से में संघर्ष करता दिखता है तो वह है तेज़ गेंदबाज़ी। हाल के दिनों में ही इंडिया को कुछ ऐसे तेज़ गेंदबाज़ मिले भी, जो डेथ ओवर में भी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे है, यही नहीं वह इन ओवरों में कम रन भी दे रहे है और साथ ही विकेट भी ले रहे है। धवल कुलकर्णी ऐसे ही गेंदबाज़ों में से एक साबित हो सकते है।
पिछले साल आईपीएल मैचों में गुजरात लायंस की ओर से कई अच्छे प्रदर्शन देखने को मिले जिनमें से कुलकर्णी का भी प्रदर्शन शामिल है। उन्होंने नई गेंद पर अपनी अच्छी पकड़ से सबको प्रभावित किया। अच्छी बात ये कि कुलकर्णी नई बॉल को स्वींग भी करा लेते है। हाल के दिनों में कुलकर्णी ने उमेश यादव की तुलना में बेहतर गेंदबाज़ी की है जिसकी वज़ह से उन्हे सीमित ओवरों वाले क्रिकेट की जगह टेस्ट क्रिकेट के लिए ज्यादा पसंद किया गया।
ऑस्ट्रेलिया में हुए क्वॉड्रेंगुलर A सीरीज़ में कुलकर्णी ने अपनी गेंदबाज़ी से सभी को प्रभावित किया और सीरीज़ के ख़त्म होने तक भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में भी उभरे। जिसके आधार पर आशा की जा रही थी वह भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीमित ओवरों वाले मैचों के लिए टीम में जगह बना पाएंगे लेकिन इसमे वह दुर्भाग्यशाली रहे।
# 3 करूण नायर
पांचवे और आख़िरी टेस्ट मैच में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक ट्रिपल सेन्चुरी और जिम्बॉवे के ख़िलाफ़ वनडे में अच्छे प्रदर्शन के बाद करूण नायर को उम्मीद थी कि वह इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली वनडे और टी20 सीरीज़ के लिए टीम इंडिया में जगह बना पाएंगे। लेकिन टीम की घोषणा के बाद उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी।
हालांकि की रोहित शर्मा अभी भी चोटिल होने की वज़ह के कारण टीम से बाहर है, तो वहीं आजिक्य रहाणे भी अभी इतने फ़िट नहीं है कि टीम इंडिया में वापसी कर पाए। सो आशा की जा रही है कि नायर को आगे होने वाले सीरीज़ में जगह मिल सकती है। लेकिन इस सीरीज़ में ओपनर और मध्यम क्रम,दोनों जगहों पर अच्छे प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी के तौर इस 25 साल का यह युवा खिलाड़ी दुर्भाग्यशाली ही रहा।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में ऐतिहासिक और नाबाद ट्रिपल सेन्चुरी अपने नाम करने, लिस्ट-A क्रिकेट करियर में 40 से ज्यादा के बेहतरीन औसत और आईपीएल में कई बेहतरीन पारियों के खेलने के बावजूद करूण नायर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीमित ओवरों वाले सीरीज़ में अपनी जगह नहीं बना पाए।
# 4 शहबाज़ नदीम
आईपीएल के बाद इंग्लैंड के साथ खेले गए पांच टेस्ट मैचों लंबे समय के बाद आशा की जा रही थी कि हाल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाले सीमित ओवरों के मैच के लिए रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा को आराम दिया जाएगा। और आशा की जा रही थी कि रणजी ट्रॉफ़ी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले शहबाज़ नदीम को टीम इंडिया में मौका दिया जा सकता है।
लेकिन सलेक्शन कमिटी ने अश्विन और जडेजा दोनों ही स्पिन गेंदबाज़ों को चुना गया। शहबाज़ रविन्द्र जडेजा की तरह ही बांए हाथ से स्पिन गेंदबाज़ी करते है और रणजी ट्रॉफ़ी के पिछले दो सीज़न के दौरान 100 से ज्यादा विकेट अपने नाम किए है। लेकिन इस बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भी 27 साल के शहबाज़ टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए।
आईसीसी चैंपियंन ट्रॉफ़ी से पहले इंडिया कोई वनडे और टी20 मैच नहीं खेलने वाली और टेस्ट क्रिकेट में भी कई स्पिन गेंदबाज़ टीम इंडिया में शामिल होने की दौड़ शामिल है। ऐसे में नदीम के लिए टीम में जगह बनाने के लिए अभी लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है।
# 5 कुलदीप यादव
भारत के लिए बेहतरीन स्पिन गेंदबाज़ों की फेहरिस्त बहुत लंबी है जो अभी भी शानदार प्रदर्शन कर रहे है। इनमें से एक स्पिनर ऐसा भी है जो इंडिया के लिए चाइनामैन के रूप में टीम इंडिया में शामिल होने के योग्य है। हालांकि टीम इंडिया में कई लेग और ऑफ़ स्पिनर्स की भरमार है ऐसे में किसी चाइनामैन के टीम में जगह बनाने का रास्ता इतना आसान भी नहीं।
और शायद इसीलिए कुलदीप यादव इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाले वनडे और टी20 सीरीज़ के लिए टीम इंडिया में जगह बना पाने में असफल रहे। अश्विन और जडेजा जैसे अनुभवी और दिग्गज़ स्पिन गेंदबाज़ों के रहते टीम में जगह बना पाना आसान नहीं होता। हालांकि आईपीएल और प्रथम श्रेणी के मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत अगर टीम में किसी तीसरे स्पिन गेंदबाज़ की जरूरत महसूस होती है तो कुलदीप यादव इसके लिए सबसे उपयुक्त खिलाड़ी हो सकते है।
वैसे तो अमित मिश्रा ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे मैच में अच्छा प्रदर्शन किया जिससे इंग्लैंड के साथ होने वाले सीमित ओवरों के सीरीज़ में उनके खेलने की ज्यादा संभावना थी लेकिन सलेक्टिंग कमिटी ने युजवेन्द्र चहल को टीम टी20 सीरीज़ के लिए चुन कर मिश्रा को थोड़ा निराश किया। ख़ैर सबसे अहम, चयन समिति ने हाल ही में होने वाली इस सीमित ओवरों की सीरीज़ के लिए टीम इंडिया में तीन स्पिनर्स को ही शामिल किया है जिससे टीम के प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।