भारत अगर क्रिकेट के किसी हिस्से में संघर्ष करता दिखता है तो वह है तेज़ गेंदबाज़ी। हाल के दिनों में ही इंडिया को कुछ ऐसे तेज़ गेंदबाज़ मिले भी, जो डेथ ओवर में भी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे है, यही नहीं वह इन ओवरों में कम रन भी दे रहे है और साथ ही विकेट भी ले रहे है। धवल कुलकर्णी ऐसे ही गेंदबाज़ों में से एक साबित हो सकते है। पिछले साल आईपीएल मैचों में गुजरात लायंस की ओर से कई अच्छे प्रदर्शन देखने को मिले जिनमें से कुलकर्णी का भी प्रदर्शन शामिल है। उन्होंने नई गेंद पर अपनी अच्छी पकड़ से सबको प्रभावित किया। अच्छी बात ये कि कुलकर्णी नई बॉल को स्वींग भी करा लेते है। हाल के दिनों में कुलकर्णी ने उमेश यादव की तुलना में बेहतर गेंदबाज़ी की है जिसकी वज़ह से उन्हे सीमित ओवरों वाले क्रिकेट की जगह टेस्ट क्रिकेट के लिए ज्यादा पसंद किया गया। ऑस्ट्रेलिया में हुए क्वॉड्रेंगुलर A सीरीज़ में कुलकर्णी ने अपनी गेंदबाज़ी से सभी को प्रभावित किया और सीरीज़ के ख़त्म होने तक भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में भी उभरे। जिसके आधार पर आशा की जा रही थी वह भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीमित ओवरों वाले मैचों के लिए टीम में जगह बना पाएंगे लेकिन इसमे वह दुर्भाग्यशाली रहे।