भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचो की सीरीज़ 22 सितंबर से शुरू होने जा रही है, जिसके लिए भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान कर दिया गया। सोमवार को मुंबई में हुई चयनकर्ताओं की बैठक में जिन 15 सदस्यीय दल की घोषणा की गई, वह वेस्टइंडीज़ दौरे पर गई टीम इंडिया ही है। चयनकर्ताओं ने बस कैरेयिबाई दौरे पर गए 17 सदस्यीय दल से दो खिलाड़ियों को कम कर दिया और बाक़ी के 15 खिलाड़ी वही हैं। जिसके बाद कई युवा खिलाड़ियों और टीम में वापसी करने की चाहत रखने वाले कुछ खिलाड़ियों के हाथ मायूसी लगी। आपके सामने हम ऐसी ही 5 खिलाड़ियों की फ़ेहरिस्त रख रहे हैं, जिनके नाम पर चयनकर्ताओं को सोचना चाहिए था, बल्कि इनमें से कुछ का टीम में न होना हैरान करने वाला है। #5 शार्दुल ठाकुर भारत के लिए पिछले कुछ सालों से अच्छी बात ये रही है कि देश में कई युवा तेज़ गेंदबाज़ों के तौर पर एक शानदार बेंच स्ट्रेंथ बन गया है। इन्हीं में से एक हैं 24 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर, जो घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ठाकुर को इसी प्रदर्शन के आधार पर कैरबियाई दौरे पर गई टीम इंडिया में भी चुना गया था। हालांकि दाएं हाथ के इस तेज़ गेंदबाज़ को अंतिम-11 में आने का मौक़ा नहीं मिल पाया और फिर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्हें बाहर कर दिया गया। शार्दुल ठाकुर इस समय भारत-ए की ओर से ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे हैं, जहां उन्होंने एकमात्र वनडे मुक़ाबले में दो विकेट हासिल किए थे और पहले डे-नाइट टेस्ट में मेज़बान के ख़िलाफ़ शार्दुल का प्रदर्शन शानदार रहा था जहां उन्होंने दूसरी पारी में 42 रन देकर 3 विकेट झटके थे। #2 मनीष पांडे मनीष पांडे ने कई बार अपने आप को सीमित ओवर क्रिकेट में साबित किया है, ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर अपना पहला शतक लगाते हुए पांडे ने भारत को मेज़बान टीम के ख़िलाफ़ शानदार जीत भी दिलाई थी। एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारत-ए की कप्तानी करते हुए मनीष पांडे ने भारत को चतुष्कोणीय टूर्नामेंट में चैंपियन बनाया था। उस टूर्नामेंट में बल्ले से भी मनीष पांडे ने लाजवाब प्रदर्शन किया था। साथ ही ऑस्ट्रेलिया-ए के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट की पहली पारी में भी मनीष ने 77 रनों की आकर्षक पारी खेली थी। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में टीम इंडिया में जगह न बनाने पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर विजय भरद्वाज ने भी ट्वीट करते हुए उन्हें न चुने जाने पारे हैरानी जताई थी। #3 शेल्डन जैक्सन जब भी भारतीय क्रिकेट टीम के सीमित ओवर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिप्लेसमेंट की बात आती है तो ज़ेहन में नमन ओझा, ऋद्धिमान साहा या फिर दिनेश कार्तिक का नाम आता है। लेकिन शायद ही कोई सौराष्ट्र के विकेटकीपर बल्लेबाज़ शेल्डन जैक्सन के बारे में बोलता है। 29 साल के शेल्डन जैक्सन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में निरंतर फ़ॉर्म में हैं, उन्होंने दिलीप ट्रॉफ़ी में भी अपनी बल्लेबाज़ी से सभी का दिल जीता। भारत ब्लू की ओर से खेलते हुए जैक्सन ने दिलीप ट्रॉफ़ी में दो शतक भी जड़े हैं। 40 प्रथम श्रेणी मैचो में शेल्डन जैक्सन ने अब तक 53.62 की बेहतरीन औसत से 2966 रन बनाए हैं। इतने शानदार आंकड़ों के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम में मौक़ा न मिलना क्रिकेट फ़ैंस को हैरान कर रहा है। #4 कुलदीप यादव बाएं हाथ के लेग स्पिन गेंदबाज़ ‘चाइनामैन’ कुलदीप यादव का घरेलू टेस्ट सीरीज़ में टीम में शामिल न होना आश्चर्य से कम नहीं। इस गेंदबाज़ ने दिलीप ट्रॉफ़ी में कमाल का प्रदर्शन करते हुए अब तक सबसे प्रभावी गेंदबाज़ रहे हैं। 21 वर्षीय चाइनामैन गेंदबाज़ ने पहले मैच में एक पारी में 6 विकेट झटक कर सभी को प्रभावित किया था। उनकी गेंदो को पढ़ पाना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए पहले से कम नहीं था। कीवियों के ख़िलाफ़ कुलदीप यादव की चाइनामैन फिरकी एक अतिरिक्त वैरिएशन साबित हो सकता था, जिसका जवाब न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल हो सकता था। हालांकि कुदलीप यादव के लिए अभी भी वक़्त है, निरंतर प्रदर्शन के दम पर यादव इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली 5 मैचो की टेस्ट सीरीज़ में भी दावेदारी ज़रूर पेश करेंगे। #1 गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे गौतम गंभीर ने आख़िरी बार 2014 में इंग्लैंड दौरे पर भारत की ओर खेलते नज़र आए थे। लेकिन इस बार वह और उनके फ़ैंस पूरी तरह आश्वस्त थे कि गंभीर की टीम में वापसी तय है। इसकी वजह गंभीर का नाम नहीं बल्कि उनका प्रदर्शन का था, आईपीएल-9 में 500 से ज़्यादा रन बनाने वाले 34 वर्षीय गौतम गंभीर ने दिलीप ट्रॉफ़ी में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। गंभीर ने टीम के चयन होने से पहले खेली गई 4 पारियों में लगातार अर्धशतक जड़े थे, जिसमें दो बार 90 और 100 के बीच आउट हुए थे। गंभीर की वापसी के लिए हज़ारों क्रिकेट फ़ैंस ने उनके वापसी का बैनर लेकर टीम चयन से ठीक पहले प्रदर्शन भी किया था। लेकिन चयनकर्ताओं को इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ का फ़ॉर्म शायद आकर्षित नहीं कर पाया या फिर टीम में 3 सलामी बल्लेबाज़ के रहते हुए उन्हें रखना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि गौतम गंभीर के लिए अभी भी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है, भारत को इस सीज़न में न्यूज़ीलैंड के अलावा भी 10 और टेस्ट खेलने हैं। जिसमें 5 टेस्ट इंग्लैंड के ख़िलाफ़, 1 बांग्लादेश और 4 टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलना है। गंभीर अगर इसी तरह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे तो ज़ाहिर है चयनकर्ताओं के पास उन्हें एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने के लिए एक मौक़ा देना होगा। गौतम गंभीर ने दिलीप ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में युवराज सिंह की भारत रेड को 355 रनों से मात देकर अपनी कप्तानी का भी रंग दिखाया। गंभीर का न होना हैरान करने वाला है।