भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे गौतम गंभीर ने आख़िरी बार 2014 में इंग्लैंड दौरे पर भारत की ओर खेलते नज़र आए थे। लेकिन इस बार वह और उनके फ़ैंस पूरी तरह आश्वस्त थे कि गंभीर की टीम में वापसी तय है। इसकी वजह गंभीर का नाम नहीं बल्कि उनका प्रदर्शन का था, आईपीएल-9 में 500 से ज़्यादा रन बनाने वाले 34 वर्षीय गौतम गंभीर ने दिलीप ट्रॉफ़ी में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। गंभीर ने टीम के चयन होने से पहले खेली गई 4 पारियों में लगातार अर्धशतक जड़े थे, जिसमें दो बार 90 और 100 के बीच आउट हुए थे। गंभीर की वापसी के लिए हज़ारों क्रिकेट फ़ैंस ने उनके वापसी का बैनर लेकर टीम चयन से ठीक पहले प्रदर्शन भी किया था। लेकिन चयनकर्ताओं को इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ का फ़ॉर्म शायद आकर्षित नहीं कर पाया या फिर टीम में 3 सलामी बल्लेबाज़ के रहते हुए उन्हें रखना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि गौतम गंभीर के लिए अभी भी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है, भारत को इस सीज़न में न्यूज़ीलैंड के अलावा भी 10 और टेस्ट खेलने हैं। जिसमें 5 टेस्ट इंग्लैंड के ख़िलाफ़, 1 बांग्लादेश और 4 टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलना है। गंभीर अगर इसी तरह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे तो ज़ाहिर है चयनकर्ताओं के पास उन्हें एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने के लिए एक मौक़ा देना होगा। गौतम गंभीर ने दिलीप ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में युवराज सिंह की भारत रेड को 355 रनों से मात देकर अपनी कप्तानी का भी रंग दिखाया। गंभीर का न होना हैरान करने वाला है।