उपुल थरंगा ने मुश्किल समय में श्रीलंका की कप्तानी संभाली थी। जब ज़िम्बाब्बे के खिलाफ करारी हार के बाद एंजेलो मैथ्यूज ने कप्तानी छोड़ी थी उस समय थरंगा को कप्तानी मिली थी। श्रीलंका की टीम में अभी बदलाव का दौर चला रहा है और टीम में नये-नये खिलाड़ियों को आजमाया जा रहा है। इसी वजह से यह टीम पिछली 3 सीरीज 0-5 से गंवा चुकी है। आईसीसी विश्वकप को ध्यान में रखते हुए चयनकर्ताओं ने थरंगा के स्थान पर थिसारा परेरा को एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी है। इन सब के बावजूद थरंगा ने बल्लेबाज के तौर पर पिछले एक साल में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। थरंगा के पास 214 एकदिवसीय मैचों का अनुभव भी है और उन्होंने इसका इस्तेमाल कर मुश्किल परिस्थितियों में निरंतर रन बनाये हैं। उनके बल्लेबाजी का तरीका बेहतरीन है जिस वजह से वह स्पिन और तेज दोनों की गेंदबाजी का सामना आसानी से कर सकते हैं। श्रीलंका को शुरुआत में ऐसे बल्लेबाज की जरूरत है जो टीम को सधी हुई शुरुआत दे सके और फिर मध्यक्रम में भी ऐसा बल्लेबाज चाहिए जो बीच के ओवरों में टिककर बल्लेबाजी करे और टीम को बड़े स्कोर तक ले जाये। कई मौकों पर कमजोर मध्यक्रम होने की वजह से श्रीलंकाई टीम अच्छे शुरुआत को भुनाने में असफल रहती है। अब थरंगा के कंधे से कप्तानी की जिम्मेदारी हट चुकी है, अब देखने वाली बात होगी कि वह कैसी बल्लेबाजी करते हैं और श्रीलंका की टीम उनके अनुभव का कैसे फायदा उठती है। एक बात तो पक्की है कि थरंगा श्रीलंकाई टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं और श्रीलंका के टीम का प्रदर्शन उनके खेल पर काफी निर्भर करेगा।