यह देखकर अजीब लगता है कि धनंजया जैसे बल्लेबाज को हाल के समय में एकदिवसीय और टी20 मैचों में श्रीलंका की टीम से बाहर कर दिया गया था। उनके पास काफी शॉट हैं और गेंदबाजों पर टूट कर पड़ते हैं। धनंजया की फील्डिंग भी काफी तेजतर्रार है। इसलिए उन्हें टेस्ट सीरीज के दौरान टीम में देखकर काफी अच्छा लगा। उनकी शुरुआत थोड़ी सुस्त होती है लेकिन नजरें जमने के बाद आक्रामक हो जाते हैं। दिल्ली में हुए दूसरे टेस्ट मैच की चौथी पारी में उन्होंने शतक लगाकर टीम को हार से बचाया था। हालिया समय में श्रीलंका की टीम में ऐसे बल्लेबाज की कमी रही है जो मध्य के ओवरों में तेजी से रन बना सके लेकिन इस सीरीज में उनके पास धनंजया और असेला गुनारात्ने हैं जो ऐसा करने में सक्षम हैं। अगर श्रीलंका एकदिवसीय मैचों में भारतीय टीम को टक्कर देना चाहता है तो धनंजया को मध्यक्रम में आकर रन गति को तेज करना होगा। वो ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते हैं, जो टीम के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। जहाँ श्रीलंका की टीम अपना खोया हुआ सम्मान वापस पाना चाहती है वैसे में नये खिलाड़ियों को आगे आकर बेहतर प्रदर्शन करना होगा। श्रीलंका के प्रशंसक भी अपने खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे होंगे। लेखक- राघव अनुवादक- ऋषिकेश सिंह