पृथ्वी शॉ
एक सफल कप्तान बनने के लिए दबाव में अच्छा प्रदर्शन करना बहुत ज़रूरी होता है। पृथ्वी शॉ पिछले 5 साल से ऐसा कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी तुलना मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ की जा रही है।
शॉ पहली बार उस समय खबरों में आये जब हैरिस शील्ड ट्रॉफी में 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने रिकार्ड 564 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। तेंदुलकर के साथ उनकी तुलना का मुख्य कारण उनकी बेजोड़ तकनीक और अच्छा फुटवर्क है।
विराट कोहली की तरह, शॉ ने अंडर-19 टीम की कप्तानी करते हुए भारत को विश्व विजेता बनाया। इसके अलावा, आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। निश्चित रूप से भविष्य में वह भारतीय टीम की कप्तानी के लिए संभावित विकल्प होंगे।
Edited by निशांत द्रविड़