5 खिलाड़ी जो 2019 विश्व कप में कर सकते हैं ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व

हाल ही में उभरे 'सैंड पेपर गेट' विवाद ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए कई परेशानियां पैदा कर दीं हैं, जिसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान स्टीव स्मिथ, उप-कप्तान डेविड वॉर्नर पर 12 महीने का प्रतिबंध लगा दिया और युवा खिलाड़ी कैमरन बैन्क्रॉफ्ट पर 9 महीने का बैन कर दिया है। इन तीनों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगया गया था और मैथ्यू रेंशॉ, ग्लेन मैक्सवेल और जो बर्न्स को इनकी जगह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम टेस्ट मैच के लिए घोषित टीम में शामिल किया गया था। इसके अलावा, विकेटकीपर टिम पेन को टेस्ट नेतृत्व सौंप दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया अगले साल के विश्वकप से पहले भी स्मिथ की वापसी के बाद उन्हें कप्तानी नहीं दे सकता है। ऐसे में जब सीमित ओवरों का क्रिकेट विश्वकप कुछ महीने दूर हैं, ऑस्ट्रेलिया को जल्द ही कप्तानी की इस पहेली को सुलझाना होगा। यहां हम उन दावेदारों की सूची बना रहे है जो सिर्फ 14 महीने दूर क्रिकेट विश्वकप में कंगारूओं का नेतृत्व कर सकते हैं।

# 5 ट्रैविस हेड

एडिलेड से आने वाला यह मध्यक्रम का बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई टीम के सीमित ओवरों के सेटअप का एक अभिन्न अंग है। ट्रैविस हेड पिछले काफी कुछ सालों से खेल रहे हैं और कप्तान के तौर पर सफल प्रतिस्थापन बन उभर सकते हैं। हाल ही में संपन्न बिग बैश लीग में, बाएं हाथ के बल्लेबाज ने एडिलेड स्ट्राइकर को उनका पहला खिताब जीताया, जिसमें उन्होंने बल्ले से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑस्ट्रेलिया टीम को भी एक ऐसे 24 वर्षीय युवा खिलाड़ी को बतौर कप्तान नियुक्त करने में शायद ही दिक्कत हो, जो बतौर कप्तान टीम का नेतृत्व आगे बढ़कर करे और मुश्किल स्थितियों से बाहर निकालने में सक्षम हो।

# 4 टिम पेन

वह ऐसा खिलाड़ी जिसे कुछ समय पहले तक अंतिम ग्यारह का हिस्सा भी नही माना जाता है, वह अब ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने के दावेदारों में से एक है। यह दिखाता है कि क्रिकेट कितना अनिश्चितताओं से भरा खेल है। मैथ्यू वेड के खराब प्रदर्शन के बाद टिम पेन ने, टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 2009 में खेलने के 7 साल बाद, पिछले साल नवंबर में दोबारा वापसी की थी। 'सैंड पेपर गेट' प्रखरण के बाद, 33 वर्षीय इस खिलाड़ी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रहे टेस्ट सीरीज के शेष भाग के लिए कप्तान घोषित किया गया था, जो कि छोटे प्रारूप में भी बढ़ सकता है।

# 3 ग्लेन मैक्सवेल

ग्लेन मैक्सवेल की अपरंपरागत शैली उन्हें कप्तानी की भूमिका का एक मजबूत दावेदार बनाती है। वह निश्चित रूप से एक ऐसे खिलाड़ी बन उभर सकते है जो ऑस्ट्रेलिया के सफ़ेद-गेंद के रिकॉर्ड को दोबारा वापस ला सकता था। छह साल से अधिक समय तक ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रह चुके इस, 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 81 वनडे और 43 टी 20 खेला है। उन्होंने पिछले 12 महीनों से अपने खेल में परिपक्वता लायी है, और यह बात उनके लिये नेतृत्व करने के दौरान भी काम आयेगी, वो भी तब जब कि 2019 विश्व कप ज्यादा दूर नही।

# 2 जॉर्ज बेली

अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान जॉर्ज बेली को एक बार फिर कंगारुओं का नेतृत्व करने के लिए कहा जाता है, तो यह शायद ही किसी को हैरानी हो। उनका कप्तानी रिकॉर्ड अच्छा रहा है, जिसमें उनके नाम वनडे में 29 मैचों में से 16 जीत और 28 टी 20 में 14 जीत हैं। बेली के नेतृत्व में सबसे उल्लेखनीय श्रंखलाओं में से एक 2013 भारतीय दौरा था, जिसे दोनों देशों के बीच की सबसे रोमांचक एकदिवसीय श्रृंखला में से एक माना जाता है। 35-वर्षीय बेली की तुलना अक्सर एमएस धोनी से उनकी ही तरह शांत-रचनात्मक प्रकृति और चतुर क्रिकेट दिमाग के लिए की जाती है। क्रिकेट मैदान पर उन्हें अक्सर एक मुस्कुराते हुए हत्यारे के रूप में जाता है, बेली आगामी विश्व कप में भी ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व करने के लिए एक ऐतिहासिक वापसी कर सकते हैं।

# 1 आरोन फिंच

वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया टीम का छोटे प्रारूपों में नेतृत्व करने का सबसे अच्छे विकल्प हैं आक्रामक सलामी बल्लेबाज, आरोन फिंच। दाएं हाथ का यह बल्लेबाज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के सबसे बेहतरीन दौर से गुजर रहा है, और उन्होंने टी 20 क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व भी किया है। वो ऑस्ट्रेलिया के लिये अबतक टेस्ट क्रिकेट खेल नहीं पाए है, और 31 वर्षीय यह खिलाड़ी ऐसे में पूरी तरह श्वेत-बॉल क्रिकेट के लिए समर्पित है और इससे उनके नए कप्तान बनने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, नियमित खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में वह एकदिवसीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए भी कप्तान रह चुके हैं। फिंच एक आक्रामक बल्लेबाज़ होने के साथ ही लंबी पारियां खेलने की प्रवृत्ति भी रखते हैं और इसके चलते जिम्मेदारी स्वाभाविक रूप से मैदान पर उनके स्वाभाव में रहती है, जो कि बतौर कप्तान टीम को लाभ भी पहुंचाएगी। लेखक: मोहित कालरा अनुवादक: राहुल पांडे

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