#3 हेनरिक क्लासेन
दक्षिण अफ़्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ ही मैच खेले हैं लेकिन इन गिने चुने मैच में उनहोंने गहरी छाप छोड़ी है। वो क्विंटन डी कॉक की जगह टीम में शामिल हुए थे। डी कॉक भारत के ख़िलाफ़ दूसरे वनडे मैच में चोट का शिकार हो गए थे। क्लासेन ने अपने मौक़े का भरपूर फ़ायदा उठाया और अपनी बल्लेबाज़ी से सबका दिल जीत लिया। हांलाकि वो मध्य या निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करते हैं लेकिन अगर उन्हें टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा मिले तो निराश नहीं करेंगे। वो स्पिन गेंद को अच्छी तरह खेलना जानते हैं जिससे उन्हें भारतीय हालात का फ़ायदा मिल सकता है। क्लासेन ने भारत के ख़िलाफ़ कुछ मैच अकेले अपने दम पर जिताएं हैं ऐसे में उनसे ज़्यादा उम्मीद करना ग़लत नहीं होगा।
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